09 Feb 2025
Vivek Singh
स्वीडन में स्थित ओल्ड त्जिको (Old Tjikko) नाम का पेड़ 9,000 साल पुराना है. यह दुनिया का सबसे पुराना जीवित पेड़ है, जिसने हजारों सालों तक धरती के बदलाव देखे हैं.
यह पेड़ स्वीडन के फुलुफजैलेट पहाड़ (Fulufjället Mountain) पर स्थित है. ठंडी हवाएं, बर्फ और जलवायु परिवर्तन भी इसे नष्ट नहीं कर सके. सिर्फ 5 मीटर ऊंचा यह पेड़ अपनी जड़ों से जीवित है.
2004 में वैज्ञानिक लीफ कुलमैन (Leif Kullman) और उनकी टीम ने कार्बन डेटिंग से इस पेड़ की उम्र का पता लगाया. रिसर्च में पता चला कि यह पेड़ 9,560 साल से अस्तित्व में है, जो पिरामिड और स्टोनहेंज से भी पुराना है.
ओल्ड त्जिको की खासियत है कि यह अपने आप को नया कर सकता है. जब इसका तना मर जाता है, तो इसकी जड़ें जीवित रहती हैं और नया तना उगा देती हैं, जिससे यह हजारों साल से बना हुआ है.
यह पेड़ इंसानी सभ्यता से पहले उगा था. जब यह दुनिया में आया था, तब पिरामिड, स्टोनहेंज और खेती भी शुरू नहीं हुई थी. यह धरती के सबसे पुराने जीवित गवाहों में से एक है.
ओल्ड त्जिको ने हजारों सालों में कई हिमयुग (Ice Age) और गर्म समय झेले हैं. यह पेड़ धरती के मौसम और जलवायु बदलाव का जीता-जागता सबूत है.
इस पेड़ को अब संरक्षित कर दिया गया है ताकि यह सुरक्षित रहे. वैज्ञानिक और पर्यावरणविद इसे छेड़छाड़ से बचाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित कर रहे हैं.
ओल्ड त्जिको अकेला नहीं है. अमेरिका में पांडो (Pando) जैसे अन्य प्राचीन पेड़ भी हैं, जो दिखाते हैं कि प्रकृति ने खुद को बचाने के अद्भुत तरीके विकसित किए हैं.