10 Sep 2024
Pradyumn Thakur
कनॉट प्लेस को देश की राजधानी दिल्ली के दिल की धड़कन कहा जाता है. साथ ही इसे बिजनेस का भी प्रतीक माना जाता है.
यहां की अनगिनत आलीशान दुकानों, बड़े रेस्तराओं और दफ्तरों के बीच एक सवाल अक्सर आपके मन में आता होगा कि आखिर इस सीपी का मालिक कौन है.
कनॉट प्लेस को गोलाकार में बनाया गया है. बात अगर सीपी की दुकानों कि करें तो लगभग सारी दुकानें किराए पर है, ऐसे में आइए जानते है कि उसका किराया किसे जाता है.
1929 और 1933 के बीच ब्रिटिश राज द्वारा निर्मित कॉनॉट प्लेस को रॉबर्ट टोर रसेल द्वारा डिजाइन किया गया था और यह बाथ, इंग्लैंड में रॉयल क्रिसेंट से प्रेरित था.
इसे ब्रिटिश शाही परिवार के सदस्य ड्यूक ऑफ कनॉट के नाम पर रखा गया था. कनॉट प्लेस ब्लॉकों में विभाजित है, प्रत्येक ब्लॉक के अपने मालिक हैं. भारत सरकार, उस भूमि का मालिक है जिस पर CP खड़ा है.
पुरानी दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम के तहत, स्वतंत्रता से पहले पट्टे पर दी गई संपत्तियों में शुरुआती कीमत से 10 प्रतिशत की सालाना वृद्धि देखी गई है.
उदाहरण के लिए, यदि 1945 में एक दुकान 60 रुपये में किराए पर दी गई थी और इस अधिनियम का अनुपालन किया गया था, तो समय के साथ किराए में मामूली वृद्धि ही हुई होगी.