18 Jan 2025

Tejaswita Upadhyay

राकेश झुनझुनवाला के निवेश टिप्स, जिसके बदौलत 5000 को बनाया 47000 करोड़ 

राकेश झुनझुनवाला ने महज 5,000 रुपये से शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत की और इसे 47,000 करोड़ रुपये के साम्राज्य में बदल दिया. उन्हें ‘द बिग बुल’ के नाम से जाना जाता था और उनका निवेश का तरीका लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बना.

छोटे निवेश से  शुरुआत

उनकी सफलता की सबसे बड़ी वजह गहरी रिसर्च थी. निवेश करने से पहले वे इंडस्ट्री, उपभोक्ता व्यवहार और आर्थिक प्रभावों का गहन अध्ययन करते थे. लुपिन जैसी कंपनियों में उन्होंने समय से पहले निवेश किया जब फार्मा सेक्टर ज्यादा लोकप्रिय नहीं था.

रिसर्च को दी  वरियता

झुनझुनवाला ने हमेशा जोखिम को अवसरों में बदलने पर विश्वास किया. उनका मानना था कि "कोई जोखिम नहीं, तो कोई इनाम नहीं", लेकिन अंधाधुंध जोखिम लेने से नुकसान हो सकता है. उन्होंने टाटा टी जैसी कंपनियों में तब निवेश किया जब बाजार मंदी में था, इससे उन्हें बड़ा फायदा हुआ.

निडर होकर लेकिन  समझदारी से जोखिम

शेयर बाजार में जहां ज्यादातर लोग तुरंत मुनाफे की तलाश में रहते हैं, वहीं झुनझुनवाला लॉन्ग टर्म निवेश पर भरोसा करते थे. उन्होंने टाइटन कंपनी में सालों तक निवेश बनाए रखा और यह उनकी सबसे सफल निवेश कहानियों में से एक बन गई.

लॉन्ग टर्म पर  विश्वास

उन्होंने बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव को अवसरों की तरह देखा. उनकी समझदारी और धैर्य के कारण वे सही समय पर निवेश करते थे और जब लोग घबराकर बेचते थे, तब भी वे अपने फैसले पर अडिग रहते थे.

उतार-चढ़ाव  को समझा

कभी भी अपने सारे पैसे एक ही स्टॉक में नहीं लगाए. उन्होंने कई सेक्टर्स में निवेश किया ताकि जोखिम को संतुलित किया जा सके. इससे उन्हें किसी एक सेक्टर के नुकसान से ज्यादा प्रभावित नहीं होना पड़ा और वे लगातार मुनाफा कमाते रहे.

डायवर्सिफिकेशन  की रणनीति

उन्होंने सिर्फ शेयर बाजार तक ही खुद को सीमित नहीं रखा. उन्होंने एविएशन सेक्टर में ‘आकासा एयर’ लॉन्च कर यह साबित किया कि वे किसी भी सेक्टर में अवसर पहचान सकते हैं और उसमें सफलता पा सकते हैं.

 दूसरे क्षेत्रों में  भी निवेश

झुनझुनवाला ने हमेशा उन कंपनियों में निवेश किया जिनकी असली क्षमता को बाजार ने देर से पहचाना. टाइटन, लुपिन और क्रिसिल जैसी कंपनियों में उन्होंने समय रहते निवेश किया और इसका फायदा उन्हें कई गुना मिला.

संभावनाओं को  पहचाना

अगस्त 2022 में उनके निधन के बाद भी उनकी निवेश रणनीतियां लोगों को प्रेरित करती हैं. वे हमेशा कहते थे कि "धैर्य, रिसर्च और समझदारी से लिया गया जोखिम ही सफलता की कुंजी है."

पीढ़ियों के लिए  सीख