अधूरी रह गई रतन टाटा की ये एक ख्‍वाहिश

14 Oct 2024

Soma Roy

टाटा संस के पूर्व अध्‍यक्ष रतन टाटा ने हाल ही में दुनिया को अलविदा कहा. उन्‍होंने काम और स्‍वभाव से लोगों का दिल जीता.

काम से जीता लोगों का दिल 

टेटली टी से लेकर जगुआर लैंड रोवर और एयर इंडिया तक, रतन टाटा ने अपनी बकेट लिस्ट की लगभग हर चीज़ को पूरा किया.

हर प्रोजेक्‍ट को किया पूरा 

मगर दुनिया को अलविदा कहने से पहले रतन टाटा की एक ख्‍वाहिश अधूरी रह गई, वह है उनकी लखटकिया कार यानी टाटा नैनो का इलेक्ट्रिक वर्जन.

नैनो ईवी का ख्‍वाब रहा अधूरा 

ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने एक्स प्लेटफॉर्म पर दावा किया कि कैसे रतन टाटा खुद उन्हें अपने प्रिय प्रोजेक्ट की झलक दिखाने के लिए कोयंबटूर ले गए थे.

ओला के संस्‍थापक ने  किया दावा 

भाविश अग्रवाल ने रतन टाटा के साथ टेस्ट ट्रैक पर कार भी चलाई. इस अनुभव के बाद ही उन्‍होंने ओला इलेक्ट्रिक लॉन्च करने का फैसला किया था. 

रतन टाटा से मिली प्रेरणा 

ओला के सीईओ ने बताया कि रतन टाटा ने नैनो इलेक्ट्रिक का काम कोयंबटूर स्थित जयम ऑटोमोटिव्स (जयम ऑटो) को सौंपा था. 

कोयंबटूर में चल रहा  था काम 

ओला के सीईओ ने पुरानी बातों का याद करते हुए बताया कि 2017 में एक दिन उन्‍हें रतन टाटा का फ़ोन आया और उन्होंने उन्‍हें मुंबई आने के लिए कहा.

2017 में रतन टाटा ने किया था फोन 

रतन टाटा के बुलाने पर वह मुंंबई गए और बाद में वह उनके विमान से कोयंबटूर गए और टाटा नैनो से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने के उनके निजी प्रोजेक्ट को देखा. मगर कोविड समेत दूसरी बाधाओं की वजह से यह प्रोजेक्‍ट पूरा नहीं हो पाया. 

टाटा के ड्रीम प्रोजेक्‍ट  को देखा