31 March 2025
Soma Roy
1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष यानी 2025-26 की शुरुआत होगी. ऐसे में कुछ नियमों में बदलाव होगा, जिसका आपकी जेब पर असर पड़ सकता है, तो कौन-से हैं वो नियम आइए जानते हैं.
1 अप्रैल, 2025 से नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऐसे मोबाइल बैंकों के UPI ट्रांजैक्शन को बंद करने वाली है, जो लंबे से इनएक्टिव यानी बंद हैं
NPCI फ्रॉड और फिशिंग स्कैम को रोकने के लिए पिछले 12 महीनों में इस्तेमाल नहीं किए गए UPI ID को डिसेबल करेगी. यानी डोर्मेंट अकाउंट को एक्टिव नहीं कराए जाने पर इसे बंद कर दिया जाएगा.
जिन लोगों का पैन आधार से लिंक नहीं है तो ऐसे लोगों को 1 अप्रैल से स्टॉक्स पर डिविडेंड नहीं मिलेगा. इसके अलावा फॉर्म 26AS में कोई क्रेडिट भी नहीं मिलेगा.
सेबी के मुताबिक निवेशकों को अपने KYC और नॉमिनी डिटेल को फिर से अपडेट करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर डीमैट अकाउंट फ्रीज हो सकता है.
1 अप्रैल से खाताधारकों को अपने बैंक के सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होगा, ऐसा न होने पर बैंक आप पर जुर्माना लगा सकते हैं.
1 अप्रैल 2025 से इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) सिस्टम लागू होगा, इससे राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू डिस्ट्रीब्यूट करने और व्यवसायों को भी अपनी टैक्स लायबिलिटी को अच्छे से मैनेज करने में मदद मिलेगी.
1 अप्रैल 2025 से सालाना 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होगी, हालांकि इसके लिए टैक्सपेयर्स को नए टैक्स रिजीम को चुनना होगा.
1 अप्रैल से सीनियर सिटीजंस के लिए FD, RD और अन्य दूसरी सेविंग स्कीम्स पर बैंक 1 लाख रुपये तक के ब्याज पर TDS नहीं काटेगा.