13 Jan 2025

Bankatesh kumar

सबरीमाला मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़ते ही क्यों खत्म हो गया काली मिर्च का स्टॉक

सबरीमाला तीर्थयात्रियों के चलते केरल में काली मिर्च की मांग बढ़ गई है. इससे काली मिर्च की कीमतों में पिछले सप्ताह उछाल दर्ज किया गया.

कीमतों में उछाल

व्यापारियों ने का कहना है कि तमिलनाडु के थेनी क्षेत्र के कुंबुम से केरल के इडुक्की होते हुए आने वाले तीर्थयात्री वापस लौटते समय कुमिली से काली मिर्च खरीद रहे हैं.

काली मिर्च की खरीद

इस साल पहाड़ी मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक है और वे आधा से एक किलो के पैकेट में काली मिर्च खरीद रहे हैं. आम तौर पर, हर साल तीर्थयात्रा सीजन के दौरान लगभग 3,000 टन काली मिर्च बेची जाती है.

3,000 टन काली मिर्च

व्यापारियों की माने तो पथानामथिट्टा, कोल्लम और कोट्टायम जिलों के प्राथमिक डीलरों ने अच्छी बिक्री की सूचना दी है, क्योंकि उनमें से कई ने ताजा कृषि-ग्रेड काली मिर्च की सीमित उपलब्धता के कारण पुरानी फसल के साथ अपनी नई-काटी गई काली मिर्च को मिलाया है.

कृषि-ग्रेड काली मिर्च 

कोच्चि टर्मिनल बाजार में कीमतें बिना गारबल्ड किस्म के लिए ₹647 प्रति किलोग्राम और गारबल्ड किस्म के लिए ₹667 प्रति किलोग्राम थीं, जिसमें 22.5 टन का कारोबार हुआ.

22.5 टन का कारोबार

बिजनेसलाइन के मताबिक, कोच्चि के एक व्यापारी किशोर शामजी ने कहा कि उम्मीद है कि इस सप्ताह के अंत तक तीर्थयात्रा सीजन के समापन के साथ टर्मिनल बाजार में और अधिक ताजा काली मिर्च आएगी.

तीर्थयात्रा सीजन

हालांकि, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव ने कई स्थानों पर काली मिर्च की फसल में देरी की है, जिससे निष्कर्षण उद्योग को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए श्रीलंका से आयातित सामान खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

आयातित सामान

भारतीय काली मिर्च समुदाय के वार्षिक सत्र के आंकड़ों के मुताबिक, मसाला निर्माताओं की बढ़ती मांग के कारण 2024 में घरेलू खपत बढ़ रही है, जो 1,31,000 टन तक पहुंच जाएगी.

1,31,000 टन

2025 में अनिश्चित जलवायु और वर्षा पैटर्न के कारण संभावनाएं उत्साहजनक नहीं हैं, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है और 25-30 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जिससे इस सीजन में घरेलू बाजार में अधिक आयात की संभावना बढ़ जाएगी.

अधिक आयात