26 Dec 2024
SATISH VISHWAKARMA
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जिन्होंने भारत की राजनीति और अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी नहीं रहे. 92 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उनका जीवन और करियर इतना सफल रहा है कि उनकी बराबरी करना किसी के लिए भी आसान नहीं. आइए जानते हैं उनके महान सफर की कुछ महत्वपूर्ण बातें.
मनमोहन सिंह भारतीय अर्थशास्त्री के रूप में प्रसिद्ध हुए और उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. वह 1982 से 1985 तक इस पद पर रहे. उनके गवर्नर रहते बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार लाए गए, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हुए.
1991 में, पीवी नरसिंह राव की सरकार में मनमोहन सिंह को भारत के वित्त मंत्री बने. इस समय उन्होंने देश की आर्थिक नीतियों में बड़े बदलाव किए, जिसमें उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियां शामिल थीं. इन नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर एक नई दिशा दी.
2004 से 2014 तक, मनमोहन सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए. यूपीए ने लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल किया. उन्हें प्रधानमंत्री चुना. उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद, भारत ने कई अहम आंतरिक आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाए.
मनमोहन सिंह 1991 से 2014 तक राज्य सभा के सदस्य रहे. उन्होंने राजस्थान और असम से राज्य सभा में निर्वाचित होकर भारतीय संसद में काम किया. प्रधानमंत्री बनने से पहले भी वे विभिन्न मंत्रालयों के प्रमुख के रूप में कार्यरत रहे, जिससे उनके प्रभाव की छाप भारतीय राजनीति में गहरी रही.
मनमोहन सिंह कभी लोकसभा के सदस्य नहीं बने. उन्होंने राज्यसभा के माध्यम से ही संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. कांग्रेस इस बार भी उन्हें राज्यसभा में लाना चाहती थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने इन्कार कर दिया.
मनमोहन सिंह के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता. वे न केवल एक समर्पित प्रधानमंत्री थे, बल्कि भारत के लिए एक दूरदृष्टि वाले आर्थिक रणनीतिकार भी थे. उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर पहचान बनाई और आर्थिक सुधारों की दिशा में कई कदम उठाए.