23 Nov 2024
Bankatesh kumar
भारत में सिक्किम के लोग इनक टैक्स नही देते हैं.सिक्किम को भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत आयकर से छूट प्राप्त है.
पूर्वोत्तर राज्य को भारत में विलय के समय यह आश्वासन दिया गया था, ताकि इसकी वर्तमान टैक्स स्ट्रक्चर को बनाए रखा जा सके.
दरअसल, भारत में शामिल होने से पहले, सिक्किम की अपनी टैक्स प्रणाली थी और इसके निवासी भारतीय आयकर अधिनियम के अधीन नहीं थे. उस समय, भारत सरकार ने सिक्किम को आयकर से विशेष छूट दी थी.
यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) में संहिताबद्ध है.इसमें कहा गया है कि सिक्किम में किसी भी स्रोत से अर्जित या प्राप्त की गई कोई भी आय पर टैक्स नहीं लगेगा.
इसके अलावा राज्य में रहने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा डिवेडेंड पर ब्याज के माध्यम से प्राप्त आय आयकर से मुक्त है. छूट प्राप्त लोगों में वे लोग शामिल हैं जो भारत में विलय से पहले सिक्किम में रह रहे थे.
2008 में, केंद्रीय बजट ने सिक्किम कर अधिनियम को निरस्त कर दिया और आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के माध्यम से राज्य के निवासियों को आयकर का भुगतान करने से छूट दी.
साल 2013 में, एसोसिएशन ऑफ ओल्ड सेटलर्स ऑफ सिक्किम (AOSS) ने "पुराने भारतीय बसने वालों" को बाहर करने के खिलाफ याचिका दायर की, जो 1975 में भारत के साथ विलय से पहले सिक्किम में बस गए थे.
उस समय, सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल, 1975 तक सिक्किम में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों को शामिल करने के लिए धारा 10(26AAA) में संशोधन का आदेश दिया. इससे उन्हें कर छूट भी मिल गई.
अनुच्छेद 371(एफ) के तहत सिक्किम का विशेष दर्जा सुरक्षित रहता है.