06 April 2025
Bankatesh kumar
अप्रैल महीने के आगम के साथ ही गर्मी की शुरुआत हो गई है. इससे इंसान के साथ-साथ मवेशी भी परेशान हैं. खास कर गर्मी का असर फसलों के ऊपर भी दिख रहा है.
इसी बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि 7 अप्रैल से दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में शरीर को झुलसा देने वाली भीषण लू चलेगी.
ऐसे में पहले से ही गर्मी से सूख रहे आम के टिकोले को लेकर खतरा और बढ़ गया है. लेकिन किसानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है.
आज हम कुछ ऐसे टिप्स के बारे में चर्चा करेंगे, जिसे अपनाने के बाद भीषण लू में भी आम के टिकोले पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यानी गर्म हवाओं के बहने से भी टिकोले जमीन पर नहीं गिरेंगे.
अगर किसान लू से टिकोले को बचाना चाहते हैं, तो सबसे पहले पेड़ के चारों ओर मिट्टी से घेरा बना दें. इससे जड़ों को पोषण और मजबूती मिलेगी.
किसान चाहें, तो आम के पेड़ के ऊपर पोटैशियम नाइट्रेट का छिड़काव कर सकते हैं.इससे टिकोले गर्म हवा बहने पर भी उतना अधिक नहीं गिरेंगे.
एक्सपर्ट का कहना है कि 15 अप्रैल तक मंजर से टिकोले बनने का सही टाइम है. अगर पेड़ से अधिक टिकोले हैं, उनमें से कुछ प्राकृतिक रूप से गिरेंगे.
लेकिन अधिक मात्रा में टिकोले गर्म हवा बहने से झड़ रहे हैं, तो इसका मतलब पेड़ों में पोषम की कमी हैं. यानी कमजोरी से टिकोले गिर रहे हैं.
इसके अलावा किसान मुख्य शाखाओं कोबोर्डो पेस्ट (1 किलो चूना + 1 किलो तूतिया + 10 लीटर पानी) से पुताई करें. इस दौरान सिंचाई नहीं करें.