चाय बनाने के बाद फेंके नहीं गमले में डालें चायपत्ती, फिर देखें कमाल

05 Dec

Bankatesh kumar

तुलसी का पौधा हर हिन्दू परिवार के घर में होता है. हिन्दू धर्म में इसका बहुत ही महत्व है.

तुलसी का पौधा 

ऐसे भी आयुर्वेद में तुलसी को औषधीय गुणों की खान कहा गया है. इसमें कई सारे विटामिन्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं.

पोषक तत्व पाए जाते हैं

तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल दवाइयों के रूप में भी किया जाता है. इसका काड़ा पीने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाते हैं.

सर्दी-जुकाम 

लेकिन तुलसी के साथ एक बड़ी समस्या है, यह सर्दी के मौसम में बहुत जल्दी सुख जाती है. लेकिन अब आप तुलसी के पौधों को सालों हरा-भरा रख सकते हैं.

बहुत जल्दी सूख जाती है

इसके लिए आपको बहुत ज्यादा खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. तुलसी के हरा-भरा करने के लिए वो खाद आपके किचन में ही है.

किचन में है खाद

 अकसर चाय बनाने के बाद लोग चायपत्ती को कचरे में फेंक देते हैं.लेकिन यह तुलसी के लिए खाद का काम करती है.

खाद का काम

आप चाय बनाने के बाद बेकार बची चायपत्ती को तुलसी की जड़ के पास डाल डालें. इसके बाद मिट्टी की गुड़ाई कर दें.

मिट्टी की गुड़ाई

दरअसल, चायपत्ती में नाइट्रोजन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इससे तुलसी के पौधों का विकास तेजी से होता है.

 विकास तेजी से होता है

साथ ही चायपत्ती में एसिडिक भी पाया जाता है. इससे भी तुलसी का पौधे हरा- भरा रहता है. साथ ही यह तुलसी के अलावा अन्य फूलों के पौधों के लिए भी लाभदायक होती है.

चायपत्ती में एसिडिक