20 Feb 2025
Vivek Singh
तेलंगाना के CM को सबसे ज्यादा 4,10,000 रुपये प्रति माह सैलरी मिलती है. यह राज्य 2014 में बना था, लेकिन वेतन के मामले में देश के सबसे बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ चुका है.
दिल्ली के CM रेखा गुप्ता को 3,90,000 रुपये मासिक वेतन मिलता है. यह उन्हें देश में दूसरा सबसे ज्यादा वेतन पाने वाला CM बनाता है, जो कि एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए बड़ी बात है.
दिल्ली के CM दूसरे स्थान पर
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ को 3,60,000 रुपये सैलरी मिलती है. इतने बड़े राज्य का सीएम होते हुए भी यह वेतन दिल्ली और तेलंगाना से कम है.
उत्तर प्रदेश के CM तीसरे स्थान पर
भारत में सबसे कम वेतन त्रिपुरा के CM को मिलता है, जो मात्र 1,05,500 रुपय प्रति माह है. यह भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है, खासकर तेलंगाना की तुलना में.
त्रिपुरा के CM को सबसे कम वेतन
नगालैंड के CM को 1,10,000 रुपये, मणिपुर के CM को 1,20,000 रुपये, असम के CM को 1,25,000 रुपये और अरुणाचल प्रदेश के CM को 1,33,000 रुपये मासिक वेतन मिलता है .
पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों का वेतन
मेघालय के CM को 1,50,000 रुपये वेतन मिलता है, जबकि ओडिशा के CM को 1,60,000 रुपय प्रति माह दिया जाता है. ओडिशा भारत के बड़े राज्यों में गिना जाता है, फिर भी वेतन ज्यादा नहीं है.
मेघालय और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों की सैलरी
उत्तराखंड और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों को 1,75,000 रुपये वेतन मिलता है, जबकि केरल के CM को 1,85,000 रुपये का मासिक वेतन दिया जाता है.
उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के सीएम वेतन
गोवा और त्रिपुरा दोनों ही छोटे राज्य हैं, लेकिन गोवा के CM को 2,20,000 रुपये वेतन मिलता है, जो कि त्रिपुरा के CM से दोगुने के करीब है .
गोवा के CM की सैलरी त्रिपुरा से अधिक
M का वेतन राज्य विधानसभा द्वारा तय किया जाता है. अलग-अलग राज्यों की आर्थिक स्थिति और प्रशासनिक जरूरतों के हिसाब से वेतन में अंतर होता है.
CM की सैलरी कैसे तय होती है?