पुल खुद दो हिस्सों में बंट जाएगा, जानें पंबन ब्रिज की इंजीनियरिंग का कमाल

   06 April 2025

Satish Vishwakarma

भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज पंबन ब्रिज का उद्घाटन 6 अप्रैल 2025 यानी राम नवमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा. यह पुल पुराने पंबन ब्रिज की जगह ले रहा है और रामेश्वरम को फिर से रेलवे से जोड़ेगा. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी खासियतें.

पंबन ब्रिज

नया पंबन ब्रिज खास इसलिए है क्योंकि इसमें ऊपर-नीचे होने वाला हिस्सा वर्टिकल लिफ्ट मैकेनिज्म है. जब कोई जहाज नीचे से गुजरता है, तो यह पुल ऊपर उठ जाता है, जिससे जहाज आसानी से निकल सकते हैं. यह भारत का पहला ऐसा पुल है. 

 पंबन ब्रिज की खासियत

नए पंबन ब्रिज में 72.5 मीटर लंबा लिफ्टिंग स्पैन है, जो 17 मीटर तक ऊपर उठ सकता है ताकि जहाज इसके नीचे से आसानी से गुजर सकें. यह पुराने पुल की तुलना में 3 मीटर ऊंचा बनाया गया है.

नेविगेशनल स्पैन

जब जहाज पुल के नीचे से गुजरते हैं, तो रेलवे यातायात रोका जाएगा. पुल का ऊपर उठने वाला हिस्सा वर्टिकल लिफ्ट ऊपर उठ जाएगा, ताकि नावें और जहाज आराम से गुजर सकें. 

 ब्रिज का संचालन

नया पंबन ब्रिज 2.07 किलोमीटर लंबा है और तमिलनाडु में पाल्क स्ट्रेट के ऊपर फैला हुआ है. इसकी मजबूत संरचना दो रेलवे ट्रैक को सपोर्ट करती है, हालांकि फिलहाल एकल रेलवे लाइन के लिए उपयोग किया जा रहा है.

ब्रिज की लंबाई और निर्माण

यह पुल तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. यह रामेश्वरम (पंबन द्वीप) और मांडपम (मुख्य भूमि) को जोड़ता है, जिससे अब ट्रेन से यात्रा फिर से संभव हो गई है. 

 पंबन ब्रिज का स्थान

नए पंबन ब्रिज की आयु 100 साल होगी. इसे 2019 में मंजूरी मिली थी. इस प्रोजेक्ट में 550 करोड़ रुपये खर्च हुए है. 

ब्रिज की उम्र और लागत

1914 में ब्रिटिश इंजीनियरों ने इसे बनाया था. इसमें शेरजर स्पैन तकनीक थी, जो मैन्युअली चलती थी. यह 61 मीटर लंबा था और 81 डिग्री तक ऊपर उठ सकता था. सुरक्षा कारणों से इसे कुछ साल पहले बंद कर दिया गया.

 पुराना पंबन ब्रिज