18 March 2025
VIVEK SINGH
दक्षिण सूडान 2025 में दुनिया का सबसे गरीब देश बना हुआ है. यहां लगातार राजनीतिक अस्थिरता, गृहयुद्ध और कमजोर अर्थव्यवस्था की वजह से लोग बेहद खराब जीवन जीने को मजबूर हैं. बुनियादी सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है.
बुरुंडी की अर्थव्यवस्था कृषि-आधारित है, लेकिन जलवायु परिवर्तन, भ्रष्टाचार ने इसे गरीबी के दलदल में धकेल दिया है. यहां के अधिकांश लोग दैनिक जरूरतों के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं.
बुरुंडी – इनकम $1.01 हजार
लगातार संघर्ष और हिंसा के कारण सेंट्रल अफ्रीकी रिपब्लिक की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा व्यवस्था की कमी के कारण आर्थिक विकास संभव नहीं हो पा रहा है.
सेंट्रल अफ्रीकी रिपब्लिक – इनकम $1.31 हजार
मलावी की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, लेकिन गरीबी, खराब स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसरों की कमी इसे दुनिया के सबसे गरीब देशों में बनाए हुए हैं.
मलावी – इनकम $1.76 हजार
मोजाम्बिक नेचुरल रिपोर्सेस से समृद्ध होने के बावजूद गरीबी से जूझ रहा है. जलवायु परिवर्तन, आंतरिक संघर्ष और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी इसके आर्थिक विकास में बाधा डाल रहे हैं.
मोजाम्बिक – इनकम $1.79 हजार
कांगो नेचुरल रिसोर्से से भरपूर होने के बावजूद आर्थिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और खराब शासन की वजह से दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल है. यहां के लोग आज भी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो – इनकम $1.91 हजार
लाइबेरिया को गृहयुद्ध और कमजोर अर्थव्यवस्था ने बहुत पीछे धकेल दिया है. स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार के सीमित अवसरों के कारण यहां की जनता गंभीर गरीबी में जीवन यापन कर रही है.
लाइबेरिया – इनकम $2.00 हजार
सोमालिया लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता और आतंकी हमलों का शिकार है. बेरोजगारी और बुनियादी सेवाओं की कमी के कारण यहां की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है.
सोमालिया – इनकम $1.90 हजार