03 January 202
satish vishwakarma
शेयर बाजार में समय-समय पर कई घोटाले हुए हैं, जिन्होंने न केवल निवेशकों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि पूरे फाइनेंशियल सिस्टम को झकझोरा है. आइए, जानते हैं शेयर मार्केट के उन 5 सबसे बड़े घोटालों के बारे में.
हर्षद मेहता को "बिग बुल" कहा जाता था. इसने बैंकिंग सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर नकली बैंक रसीदों के जरिए 4000 करोड़ रुपये जुटाए. इस पैसे से उन्होंने स्टॉक्स की कीमतें बढ़ाईं. लेकिन जैसे ही यह घोटाला उजागर हुआ, बाजार गिर गया और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ.
केतन पारेख का नाम शेयर बाजार में "रॉकेट मैन" के रूप में जाना जाता था. वह जिस शेयर को छूता, उसकी कीमत आसमान छूने लगती थी, लेकिन बाद में पता चला कि वह प्रमोटरों के साथ मिलकर कीमतों में हेरफेर करता था. 'पंप एंड डंप' स्कीम के जरिए लाखों निवेशकों को धोखा दिया.
सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के चेयरमैन रामलिंगा राजू ने कंपनी के खातों में नकली लाभ दिखाया. यह घोटाला 14,162 करोड़ रुपये का था. इसने कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और खराब ऑडिटिंग की सच्चाई उजागर की. जिसके बाद निवेशकों और शेयरधारकों को बड़ा नुकसान हुआ.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में कुछ ट्रेडर्स को को-लोकेशन सर्वर का अनुचित लाभ मिला. उन्हें अन्य निवेशकों से पहले लेन-देन करने का मौका दिया गया. इससे बाजार की निष्पक्षता पर सवाल उठे और निवेशकों को नुकसान हुआ.
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने पंजाब नेशनल बैंक से फर्जी एलओयू के जरिए 10,000 करोड़ रुपये का गबन किया. इस धन का एक हिस्सा शेयर बाजार में लगाया गया, जिससे निवेशकों और शेयरधारकों को भारी नुकसान हुआ.