05 Feb 2025
satish vishwakarma
भारत की बड़ी कंपनियां, जिन्हें 'भारत इंक' कहा जाता है, कोविड महामारी के बाद से नकदी का ढेर जमा कर रही हैं. ऐसा लगता है मानो इन कंपनियों में नकदी रखने की होड़ सी लग गई है.
कंपनियां नकदी का यह ढेर इसलिए बढ़ा रही हैं क्योंकि अपने खर्चों में कटौती कर, कारोबार बढ़ाने के लिए पैसा खर्च करने से बच रही हैं. द हिंदू बिजनेस लाइन*की रिपोर्ट के मुताबिक, चलिए जानते हैं देश की उन कंपनियों के बारे में जिनके पास सबसे ज्यादा कैश है.
रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास सबसे ज्यादा कैश है. खास बात यह है कि इस कंपनी के पास इतनी नकदी है कि निफ्टी 500 में शामिल सभी कंपनियों की कुल नकदी का करीब 15 फीसदी हिस्सा अकेले रिलायंस के पास है.
इंजीनियरिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के पास वित्त वर्ष 2024 के अंत में 50,316 करोड़ रुपये की नकदी है. वित्त वर्ष 2024 में एलएंडटी का नेट प्रॉफिट 25 फीसदी बढ़कर 13,059 करोड़ रुपये हो गया, जबकि रेवेन्यू में 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो 2.2 लाख करोड़ रुपये है.
घरेलू वाहन निर्माता टाटा मोटर्स नकदी भंडार के मामले में तीसरे नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में अब तक का सबसे अधिक रेवेन्यू, प्रॉफिट और कैश फ्लो दर्ज किया. कंपनी के खाते में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का नकदी है.
भारत में सबसे बड़ी आईटी कंपनी होने के साथ ही, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) सॉफ्टवेयर कंपनियों में सबसे अधिक नकदी भंडार भी रखती है. रिपोर्ट के मुताबिक, 44,296 करोड़ के साथ, TCS चौथे स्थान पर है.
भारतीय आईटी सेवा फर्म विप्रो नकदी भंडार के मामले में पांचवें नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 के अंत तक बेंगलुरु स्थित विप्रो के पास 40,812 करोड़ रुपये की नकदी है.
सरकारी स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) के पास मार्च 2024 के अंत में 42,070 करोड़ रुपये का नकदी भंडार है. खास बात यह है कि ONGC का नेट प्रॉफिट करीब 40 फीसदी बढ़कर 49,221 करोड़ रुपये हो गया है.