22 Dec 2024
Tejaswita Upadhyay
भारत सरकार ने FY26 तक एक करोड़ सोलर इंस्टॉलेशन का टारगेट रखा है. यह पहल न केवल ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देगी बल्कि सोलर सेक्टर में कंपनियों और निवेशकों के लिए बड़े अवसर भी लेकर आएगी
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस दिशा में कई योजनाओं और पहलों का जिक्र किया जो सोलर इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी
भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल आधारित उत्पादन क्षमता हासिल करना है.आइए जानते हैं, कौन-कौन सी कंपनियां इस बदलाव से सबसे अधिक लाभान्वित हो सकती हैं.
भारत की सबसे बड़ी सोलर PV मॉड्यूल निर्माता, वारे एनर्जीज, 13.3 GW की सबसे बड़ी स्थापित क्षमता के साथ 17% बाजार हिस्सेदारी रखती है. यह मल्टीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन और टॉपकॉन जैसे मॉड्यूल का निर्माण करती है. कंपनी के पास भारत में चार मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं हैं और यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मौजूद है.
प्रीमियर एनर्जीज, भारत की दूसरी सबसे बड़ी सोलर सेल निर्माता कंपनी है, जिसकी 25% बाजार हिस्सेदारी और 2 GW की स्थापित क्षमता है. यह सोलर मॉड्यूल और EPC सॉल्यूशंस भी प्रदान करती है.
प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड
टाटा पावर, भारत की सबसे बड़ी वर्टिकली इंटीग्रेटेड पावर कंपनी है. इसका सोलर डिवीजन 4.97 GW की वार्षिक क्षमता के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा सोलर मॉड्यूल निर्माता है. यह ईवी चार्जिंग स्टेशनों और सोलर रूफटॉप सॉल्यूशंस में भी सक्रिय है.
अडानी एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी मुद्रा सोलर PV लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी सोलर सेल निर्माता है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 50% है. इसकी 4 GW की वार्षिक स्थापित क्षमता इसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों में मजबूती देती है.
इन कंपनियों का मजबूत उत्पादन आधार, नवीनतम तकनीकी पोर्टफोलियो, और सरकार की नीतिगत पहलों से मिलने वाले लाभ इन स्टॉक्स को लॉन्गटर्म इनवेस्टमेंट के लिए सही निवेश साबित कर सकते हैं.