14 Oct 2024
यतींद्र लवानिया
करीब 40% बाजार हिस्सेदारी के साथ चीन एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रीडिएंट (एपीआई) उत्पादन में शीर्ष पर है. हालांकि, चीनी एपीआई की गुणवत्ता को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं.
भारत एपीआई के उत्पादन में करीब 30% की हिस्सेदारी के दुनिया में दूसरा बड़ा देश है. लेकिन, भारी स्थानीय खपत के चलते भारत को चीन से आयात भी करना पड़ता है.
वैश्विक एपीआई उत्पादन में करीब 12% हिस्सेदारी के साथ अमेरिका इस मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है.
तकनीकी तौर पर बेहद उन्नत जर्मनी करीब 8% हिस्सेदारी के साथ एपीआई उत्पादन में दुनिया का चौथा बड़ा देश है.
जापान की वैश्विक एपीआई उत्पादन में हिस्सेदारी करीब 6% है. हालांकि, जापानी एपीआई को गुणवत्ता के लिहाज से श्रेष्ठ माना जाता है.
फ्रांस दुनिया के कुल एपीआई उत्पादन में करीब 5% की हिस्सेदारी रखता है. मजबूत रासायनिक उद्योग से एपीआई निर्माण में मदद मिलती है.
स्विट्जरलैंड वैश्विक एपीआई उत्पादन में करीब 4% की हिस्सेदारी रखता है. हालांकि, उच्च श्रम लागत और छोटे बाजार की वजह से उत्पादन में पिछड़ा है.
ब्रिटेन की एपीआई उत्पादन में हिस्सेदारी करीब 4% है. चिकित्सा व दवा निर्माण में उन्नत तकनीक इसकी ताकत है, लेकिन छोटा बाजार और महंगा श्रम चुनौती है.
वैश्विक एपीआई उत्पादन में करीब 3% की हिस्सेदारी रखने वाला इटली भी तकनीकी आधार पर उन्नत है, लेकिन लागत और खपत के मामले में भारत-चीन से पिछड़ जाता है.