घूमने जाइए तो इन हवेलियों में रुकिए, भूल जाएंगे 5 स्टार

   10 April 2025

Satish Vishwakarma

भारत की ऐतिहासिक हवेलियां, जो कभी रजवाड़ों, अमीर व्यापारियों और कुलीन परिवारों का घर हुआ करती थीं, समय के साथ अपनी चमक खो बैठीं. लेकिन हाल ही में हुए बेहतरीन पुनर्निर्माण ने इन्हें नया जीवन दिया है.

 फिर से जगी पहचान  

इन हवेलियों ने न केवल छोटे शहरों में पर्यटन को नई उड़ान दी है, बल्कि अपनी अनूठी पहचान भी बनाई है. आइए जानते हैं ऐसी ही 7 हवेलियों के बारे में, जो अब देश की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की नई जान बन चुकी हैं.

बनी हैं टूरिज्म की जान

रेगिस्तान की रेत में बसी ये हवेली अब एक बुटीक होटल है, जिसमें है 18 खास कमरे, संगमरमर की घुमावदार सीढ़ी, इनफिनिटी पूल और 'Old Loco' नामक रेस्टोरेंट हैं. 

 Daspan House, जोधपुर, राजस्थान

परंपरागत निर्माण तकनीकों और लोकल मटेरियल से बनी ये हवेली अब एक सामुदायिक शिक्षा केंद्र है.  इसे साल 2023 में UNESCO अवॉर्ड भी मिला है.

पीपल हवेली, गुरदासपुर, पंजाब

इंडो-पुर्तगाली शैली की ये हवेली अब एक लिविंग म्यूजियम है, जिसमें है भव्य बॉलरूम और लकड़ी से सजे वेदी स्थल है.

 फिगुएरेडो हाउस, लाउटोलीम, गोवा

इन राजमहलों में आज भी गूंजती है बंगाल की रॉयल विरासत  विशाल गलियारों और शाही वस्तुओं के साथ. 

महीषादल राजबाड़ी, पूर्व मेदिनीपुर, बंगाल

बर्मा टीक और चूना-पत्थर से बना ये पारंपरिक वाडा आज भी पुरानी दुनिया की खुशबू लिए खड़ा है. 

अमोली वाडा, अलीबाग, महाराष्ट्र

पुरानी दिल्ली की गलियों में छिपी इस हवेली को फिर से बनाया गया है एक हेरिटेज गेस्टहाउस के रूप में है. 

 गोल्डन हवेली, चांदनी चौक, दिल्ली

चेत्तियार समुदाय की आलीशान हवेलियों ने अब हेरिटेज होटल का रूप लिया है. 'Chettinad Festival' ने इस विरासत को फिर से जीवंत कर दिया है.

चेत्तीनाड हवेलियां, कराईकुडी, तमिलनाडु