16 Jan 2025
SATISH VISHWAKARMA
आज के डिजिटल दौर में आधार कार्ड जैसी ID ने तो कई जगहों पर लगने वाली तमाम ID की जगह एक से काम चला दिया है, चाहे हमें सिम खरीदना हो या कोई और काम. यह ऑल इन वन बनकर उभरा है. लेकिन आधार कार्ड से पर्सनल डाटा के लीक होने का भी डर हमेशा बना रहता है.
ऐसे में अगर आप UIDAI के VID यानी Virtual ID का इस्तेमाल करते हैं, तो अपने पर्सनल डेटा को महफूज रख सकते हैं. चलिए जानते हैं कि VID के क्या फायदे हैं और इसे कैसे जेनरेट किया जा सकता है.
वर्चुअल आईडी आपके आधार कार्ड का एक तरह से विकल्प है. यह 16 डिजिट का नंबर होता है, जिसे आधार नंबर कि तरह काम करता है.
इसे यूजर्स जितनी बार चाहें, उतनी बार जेनरेट कर सकते हैं. यह कोड कम से कम एक दिन के लिए मान्य होता है, लेकिन जब तक यूजर दूसरा नया कोड जेनरेट नहीं करता, तब तक पहला कोड वैध रहता है.
जब यूजर आधार के बजाय अपना वर्चुअल आईडी किसी व्यक्ति, एजेंसी या फर्म को देता है, तो एजेंसी आवेदक का आधार नंबर हासिल नहीं कर सकती है और वेरिफिकेशन हमेशा की तरह किया जाता है. इस तरह आधार नंबर और अन्य जानकारी एजेंसी के साथ शेयर नहीं होती.
इससे आधार नंबर और अन्य जानकारी को हैक होने से बचाया जा सकता है. इसके अलावा, अगर आप VID का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अपना आधार कार्ड हर वक्त जेब में लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसे में इसके खोने का रिस्क भी नहीं रहता.
वर्चुअल आधार आईडी को जेनरेट करने के लिए आपको पहले ऑफिशियल वेबसाइट (https://www.uidai.gov.in) पर जाना होगा. फिर वर्चुअल आईडी पर क्लिक करना होगा.
इसके बाद एक पेज खुलेगा, जिसमें आपको 16 अंकों का आधार नंबर और सिक्योरिटी कोड दर्ज करना होगा. इसके बाद "सेंड ओटीपी" पर क्लिक करके ओटीपी जेनरेट करें और इसे सबमिट करें.
OTP सबमिट करने के बाद "Generate VID" पर क्लिक करें. इसके बाद आपको वर्चुअल आईडी के जेनरेट होने का मैसेज आ जाएगा. इसके अलावा आप mAadhaar ऐप के जरिए भी इस आईडी को जेनरेट कर सकते हैं.