05 April 2025
Bankatesh kumar
आम के पेड़ पर बौर बनने शुरू हो गए हैं. इसके साथ ही बांगों में कीटों के हमले भी शुरू हो गए हैं.इससे फसलों को नुकसान हो रहा है.
अगर समय पर इलाज नहीं किया गया, तो बौर आम बनने से पहले ही पेड़ से गिर जाएंगे. इससे पैदावार प्रभावित होगी.
एक्सपर्ट के मुताबिक, अप्रैल महीने के दौरान आम के बाग में मिली बग (दहिया कीट) कीट के हमले कुछ ज्यादा ही होते हैं.
मिली बग से बचाने के लिए आईपीएम (इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट) अपनाना सबसे अच्छा तरीका है. इसके लिए आप नीम या करंज की खली (बीज का चूरा) पेड़ के चारों ओर 1 मीटर के दायरे में मिट्टी में मिलाएं.
इससे जमीन में रहने वाले कीट पेड़ पर नहीं चढ़ पाते. पेड़ पर चढ़ने वाले कीटों को रोकने के लिए, जली हुई ग्रीस या डीजल में कीटनाशक मिलाकर एक चिपचिपा लेप तैयार करें और इसे पेड़ के तने के चारों ओर लगाएं.
इससे कीट ऊपर नहीं चढ़ पाएंगे.साथ ही बगीचे को साफ-सुथरा रखें. सूखी पत्तियां और टूटी-फूटी शाखाएं समय-समय पर हटा दें.
इसके अलावा आप नीम के तेल का स्प्रे कर सकते हैं. यह एक प्राकृतिक कीटनाशक है और पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाता है.
इन आसान तरीकों को अपनाकर आप अपने आम के बाग को कीटों से सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं.
इसके अलाव किसान अपने बाग में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम से भरपूर उर्वरकों का छिड़काव करें, ताकि आम के पेड़ों को पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा सके. इससे पैदावार में बढ़ोतरी होगी.