कॉल और पुट का इस्तेमाल कर बाजार में लाखों कमाएं!

25 March 2025

Tejas Chaturvedi

ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा तरीका है जिससे निवेशक किसी शेयर को एक तय कीमत पर खरीदने या बेचने का अधिकार खरीद सकते हैं.  यह दो तरह की होती है – कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन.

कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन

यह आपको किसी शेयर को भविष्य में एक निश्चित कीमत पर खरीदने का अधिकार देता है. जब आपको लगता है कि शेयर की कीमत बढ़ेगी, तो आप कॉल ऑप्शन खरीदते हैं ताकि कम कीमत पर खरीदकर बाद में महंगे दाम पर बेच सकें.

कॉल ऑप्शन

यह आपको किसी शेयर को भविष्य में एक निश्चित कीमत पर बेचने का अधिकार देता है. जब आपको लगता है कि शेयर की कीमत गिरेगी, तो आप पुट ऑप्शन खरीदते हैं ताकि महंगे दाम पर बेचकर बाद में सस्ते में खरीद सकें.

पुट ऑप्शन

स्ट्राइक प्राइस: वह कीमत जिस पर ऑप्शन खरीदा या बेचा जाएगा. प्रीमियम: ऑप्शन खरीदने के लिए निवेशक को चुकानी वाली कीमत. एक्सपायरी: वह तारीख जब ऑप्शन की वैधता खत्म हो जाएगी.

शब्दावली

अगर आपको लगता है कि शेयर की कीमत बढ़ेगी, तो आप पुट ऑप्शन बेच सकते हैं. अगर आपको लगता है कि शेयर की कीमत गिरेगी, तो आप कॉल ऑप्शन बेच सकते हैं.

ट्रेडिंग रणनीतियां

यह बताता है कि बाजार में लोग ज्यादा बिक्री (पुट) की उम्मीद कर रहे हैं या खरीदारी (कॉल) की.

पुट/कॉल रेशियो

बाजार में गिरावट का डर (ज्यादा लोग पुट ऑप्शन खरीद रहे हैं).

जब रेशियो ज्यादा

बाजार में तेजी का संकेत (ज्यादा लोग कॉल ऑप्शन खरीद रहे हैं)

जब रेशियो ज्यादा कम

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