सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में पिछले 9 महीने से क्या कर रही हैं?

15 March 2025

Tejaswita Upadhyay

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स पिछले 9 महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में मौजूद हैं. इस दौरान वे विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधानों में व्यस्त रही हैं. आइए जानते हैं, वे वहां क्या कर रही हैं और वैज्ञानिकों का जीवन ISS में कैसा होता है.

9 महीनों से ISS में हैं

सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर जून 2024 में NASA के जॉइंट 'क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन' पर गए थे. इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं. उनके साथ गए बुच विलमोर इस मिशन के कमांडर थे.

जून 2024 में ISS पहुंची

दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था लेकिन टेक्निकल दिक्कत ने उन्हें अतरिक्ष में ही फंसा दिया. ISS पर वैज्ञानिक विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान करते हैं, जैसे कि जैव प्रौद्योगिकी, भौतिक विज्ञान, खगोल विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान.

वैज्ञानिक प्रयोग और अनुसंधान

हाल ही में सुनीता विलियम्स ने 5.5 घंटे का स्पेसवॉक किया, जिसमें उन्होंने महत्वपूर्ण उपकरणों की मरम्मत और नई टेक्नोलॉजी इंस्टॉल की. यह उनके करियर का महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बना. नासा ने इस उपलब्धि की जानकारी दी और बताया कि यह सुनीता का नौंवा और बुच का पांचवां अंतरिक्ष वॉक था.   

अंतरिक्ष में स्पेसवॉक

ISS में वैज्ञानिकों की दिनचर्या काफी व्यस्त रहती है. इसमें वैज्ञानिक प्रयोग, वर्कआउट, उपकरणों की देखरेख और पृथ्वी पर मौजूद टीम से संवाद शामिल होता है.

अंतरिक्ष में दिनचर्या

ISS हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है, जिससे वहां मौजूद वैज्ञानिक दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं.

सूर्योदय और सूर्यास्त का अनुभव

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. इस कारण, जब वैज्ञानिक पृथ्वी पर लौटते हैं, तो उन्हें चलने और सामान्य जीवन में वापस आने में कठिनाई होती है

पृथ्वी पर वापसी