12 April 2025
Satish Vishwakarma
अक्सर जब हम ट्रेन से सफर करते हैं, तो रेलवे टिकट पर छपी कई ऐसी जानकारियां भी होती हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं. जिस चीज को अक्सर हम नजरअंदाज करते हैं, भले ही उसे हम अपनी बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल करते हों, उसी में से एक है PNR.
अक्सर हम PNR नंबर तो अपनी ज़ुबान पर बोलते हैं, लेकिन क्या आपको इसका फुल फॉर्म पता है और इसका क्या मतलब है? चलिए जानते हैं.
क्या है PNR का मतलब?
अगर आपने कभी भारत में ट्रेन टिकट बुक किया हो, तो आपने पीएनआर के नाम से जाना जाने वाला 10 अंकों का नंबर जरूर देखा होगा.
10 अंकों का नंबर
पीएनआर यानी कि पैसेंजर नेम रिकॉर्ड. यह एक विशेष तरह की पहचान संख्या होती है, जो रेलवे टिकट बुक करते समय जनरेट होती है.
पैसेंजर रिकॉर्ड
10 अंकों वाला यह नंबर यात्री की यात्रा से जुड़ी जानकारियां एकत्रित किए रहता है. यह यात्री और भारतीय रेलवे दोनों के लिए जरूरी होता है.
यात्री की सभी जानकारी
पीएनआर रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र के केंद्रीय डेटाबेस में संग्रहीत किया जाता है और इसका उपयोग यात्री योजना के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारियां प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इसमें यात्री का नाम, जेंडर, उम्र, ट्रेन नंबर, यात्रा की तारीख, बोर्डिंग प्वाइंट, गंतव्य, कोच और सीट नंबर, किराए से संबंधित जानकारी होती है.
ये सभी होती हैं जानकारी
यात्री अपनी यात्रा को आसानी से पीएनआर नंबर के जरिये ट्रेक कर सकते हैं. जैसे आपका टिकट कन्फर्म हुआ है, या वोटिंग में है.
यात्री कर सकते हैं ट्रैक
पीएनआर के 10 अंक 3 भागों में बाटा होता हैं. इसमें पहले तीन अंक यह दर्शाते हैं कि टिकट को किस रेलवे जोनल से जारी किया गया है. इनमें उत्तरी रेलवे के लिए 1 से 3, दक्षिणी रेलवे के लिए 4 से 6 और पूर्वी रेलवे के लिए 7 से 9 नंबर है.
पहले 3 नंबर का मतलब
इसके बाद से बचे हुए 7 नंबर कम्प्यूटर सिस्टम जनरेट यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होते हैं. जिनमें यात्रा की तारीख, समय जैसी दूसरी जानकारियां छिपी होती है.
आखिरी 7 नंबर का मतलब