23 March 2025
Satish Vishwakarma
भारत में इस समय सड़क कनेक्टिविटी का काफी विस्तार हुआ है. देश में पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण, सभी दिशाओं में नेशनल हाईवे से लेकर एक्सप्रेसवे तक का जाल बिछ गया है. लेकिन इस जाल को बिछाने से पहले करोड़ों पेड़ काटे गए हैं.
हालांकि, सरकार ने अपने सड़क निर्माण के दौरान डिवाइडर के रूप में कई तरह के पेड़ लगवाए हैं. खास बात यह है कि मैं आपको एक ऐसे ही पेड़ के बारे में बताऊंगा, जो न केवल उत्तर भारत की सड़कों पर मिलेगा, बल्कि दक्षिण भारत की सड़कों पर भी दिखेगा.
एक पेड़ जो उत्तर से लेकर दक्षिण तक
इसे आप उत्तर भारत की जी.टी. रोड और चेन्नई के EVR हाई रोड जैसे हाईवे डिवाइडरों पर आसानी से देख सकते हैं.
जी.टी. रोड और चेन्नई के EVR
ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत के मौसम में इतनी विविधता होने के बावजूद इस पौधे की क्या खासियत है.
क्या है खासियत?
हम बात कर रहे हैं कनेर के पेड़ की. यह तेज धूप, कम पानी और सामान्य मिट्टी में भी अच्छी तरह से बढ़ता है.
कनेर का पेड़
कनेर भीषण गर्मी में भी हरा-भरा रहता है और सूखे में भी आसानी से जीवित रह सकता है.
सूखे में उग जाता है
कनेर के फूल पीले, सफेद और गुलाबी रंग के होते हैं, जो इसे और आकर्षक बनाते हैं.
तीन कलर
खास बात यह है कि यह पौधा ट्रैफिक प्रदूषण को सहने में सक्षम है और जहरीली गैसों को अवशोषित कर सकता है.
ट्रैफिक प्रदूषण को कम
अगर आपके घर में छोटे बच्चे या पालतू जानवर हैं, तो इस पौधे को घर में लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि गलती से खाने पर यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.
बच्चे और पालतू जानवरों से बचाएं