20 March 2025
Tejas Chaturvedi
स्टॉक स्प्लिट में कंपनी अपने मौजूदा शेयरों को छोटे हिस्सों में बांट देती है, जिससे हर शेयर की कीमत कम हो जाती है.
अगर किसी कंपनी का 1 शेयर 1000 रुपये का है और 2:1 स्टॉक स्प्लिट होता है, तो अब एक शेयर की जगह दो शेयर मिलेंगे, और हर शेयर की कीमत 500 रुपये हो जाएगी.
इसका मकसद शेयर को सस्ते बनाना होता है, ताकि ज्यादा निवेशक इसे खरीद सकें और शेयर बाजार में इसका लिक्विडिटी बढ़ सके.
बोनस इश्यू में कंपनी अपने मौजूदा निवेशकों को मुफ्त में अतिरिक्त शेयर देती है.
अगर कंपनी 1:1 बोनस इश्यू देती है, तो जिसके पास 10 शेयर हैं, उसे 10 और शेयर मुफ्त में मिल जाएंगे.
यह कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन को दर्शाने और निवेशकों को लाभ करने के लिए किया जाता है.
स्टॉक स्प्लिट में हर शेयर के छोटे हिस्से कर दिए जाते हैं, जिससे कीमत घट जाती है. बोनस इश्यू में निवेशकों को मुफ्त में नए शेयर मिलते हैं, लेकिन कुल निवेश का मूल्य वही रहता है.
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