22 Feb 2025
Bankatesh kumar
27 Feb 2025
Satish Vishwakarma
हम अपने किचन में सरसों के तेल का अधिक से अधिक इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसका स्वाद हमारी पहली पसंद बन चुका है. लेकिन क्या आपको पता है कि पीली और काली दोनों प्रकार की सरसों में से कौन अधिक फायदेमंद है?
सरसों के दानों में कई तरह के मिनरल्स होते हैं, जैसे मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, कैल्शियम और फॉस्फोरस। ये सभी तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं.
मिनरल्स का सोर्स है सरसों
सरसों का तेल अपनी तेज सुगंध, हल्के-गहरे पीले रंग और तीखे स्वाद के लिए जाना जाता है.
कैसा होता है स्वाद?
काली या गहरे भूरे रंग की सरसों को राई भी कहा जाता है. आमतौर पर, पीली और काली सरसों दोनों के बीजों से तेल निकाला जाता है.
काली सरसों को राई भी कहते हैं
पीली सरसों के तेल का स्वाद काली सरसों के तेल की तुलना में हल्का होता है, जिससे यह उन व्यंजनों के लिए अधिक उपयुक्त होता है, जिनमें हल्के सरसों के स्वाद की आवश्यकता होती है.
पीली सरसों के तेल का स्वाद हल्का होता है
पीली सरसों के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है, जबकि काली सरसों के तेल को एंटीऑक्सीडेंट गुणों और पाचन संबंधी लाभों के लिए जाना जाता है.
दोनों किस लिए जाने जाते हैं?
पीली सरसों मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत होती है, जबकि काली सरसों में सेलेनियम अधिक पाया जाता है, जो कब्ज को कम करने में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है.
पीली सरसों मैग्नीशियम का है सोर्स
काली सरसों के तेल का उपयोग पाचन में सुधार करने और भूख बढ़ाने के लिए किया जाता है. वहीं, पीली सरसों के तेल में रोगाणुरोधी गुण होते हैं, जो इसे बैक्टीरिया और फंगस से लड़ने में प्रभावी बनाते हैं.
काली सरसों भूख बढ़ाती है