19 March 2025
Tejas Chaturvedi
स्टॉक मार्केट में सही समय पर खरीद और बिक्री करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसके लिए निवेशक और ट्रेडर्स कई टेक्निकल इंडिकेटर का उपयोग करते हैं. इनमें से MACD (Moving Average Convergence Divergence) एक प्रमुख इंडिकेटर है.
जो किसी स्टॉक की कीमत के रुझान और गति मोमेंटम को समझने में मदद करता है.
MACD का पूरा नाम "Moving Average Convergence Divergence" है, जिसे 1970 के दशक के अंत में गेराल्ड एपेल ने विकसित किया था. यह एक मोमेंटम इंडिकेटर है, जो स्टॉक की कीमत के दो अलग-अलग मूविंग एवरेज के बीच के अंतर को दर्शाता है.
MACD = 12-दिन का EMA – 26-दिन का EMA
यह इंडिकेटर हमें यह बताने में मदद करता है कि किसी स्टॉक में बुलिश ट्रेंड है या बीयरिश ट्रेंड
MACD को ऑस्सिलेटर इंडिकेटर की श्रेणी में रखा जाता है, क्योंकि यह एक निश्चित दायरे में नहीं चलता, बल्कि कीमत के उतार-चढ़ाव के अनुसार बदलता रहता है.
जब MACD लाइन ऊपर की ओर बढ़ रही होती है, तो यह संकेत देता है कि स्टॉक की कीमत बढ़ सकती है.
जब MACD लाइन नीचे की ओर जा रही होती है, तो यह संकेत देता है कि स्टॉक की कीमत गिर सकती है.
अगर MACD और उसका हिस्टोग्राम बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि स्टॉक की कीमत तेजी से बढ़ रही है. अगर MACD और उसका हिस्टोग्राम घट रहा है, तो यह दर्शाता है कि स्टॉक की कीमत गिरने वाली है.
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