21 Feb 2025
Satish Vishwakarma
हम 2G, 3G, 4G और अब 5G तकनीक से इंटरनेट चला रहे हैं, जिससे हमें तेज स्पीड मिल रही है. वहीं, अब एक और नई टेक्नोलॉजी का दौर आ गया है.
सैटेलाइट इंटरनेट एक ऐसी सेवा है, जहां हम बिना किसी केबल के सीधे सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट का यूज कर सकते हैं. इसके जरिए उन इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचेगा, जहां केबल नेटवर्क पहुंचाना मुश्किल है.
सैटेलाइट इंटरनेट
एलन मस्क का सैटेलाइट नेटवर्क स्टारलिंक अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों में उपलब्ध है, लेकिन भारत में इसकी लॉन्चिंग नहीं हो पाई है.
एलन मस्क का स्टारलिंक
अभी तक हमें इंटरनेट उपयोग करने के लिए ऑप्टिक फाइबर केबल, ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क जैसी सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन सैटेलाइट इंटरनेट इन सभी का एक बेहतरीन ऑप्शन है.
इंटरनेट की दुनिया में क्रांति
अब भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट सेवा का रास्ता खुलता दिख रहा है, क्योंकि भारतीय स्पेस रेगुलेटर इस संबंध में जल्द ही बड़ा फैसला ले सकता है.
भारत स्टारलिंक सर्विस
एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक को कमर्शियल ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करने के लिए मंजूरी मिल सकती है. अप्रूवल मिलते ही ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने का रास्ता साफ हो जाएगा.
स्टारलिंक को जल्द मिल सकती है मंजूरी
सबसे पहले गृह मंत्रालय और इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) की स्टैंडिंग कमेटी इस एप्लिकेशन की समीक्षा करेगी. इसके बाद ही स्टारलिंक पर कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा.
स्टारलिंक पर भारत का फैसला
स्पेक्ट्रम और IN-SPACe की मंजूरी के बाद, स्टारलिंक डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) से ऑपरेटर लाइसेंस ले सकता है. इसके बाद ही वह भारत में अपनी सेवाएं शुरू कर सकता है.
DoT से ऑपरेटर लाइसेंस