12 Apr 2025
Shashank Srivastava
अगर आप दिल्ली के निवासी नहीं भी हों फिर भी आपने कनॉट प्लेस का नाम जरूर सुना होगा. यह राजधानी दिल्ली की खूबसूरत जगहों में से एक माना जाता है.
आपने कई बार सुना भी होगा कि अगर दिल्ली गए हो तो कनॉट प्लेस जरूर जाना. ये जगह है भी ऐसी, यहां पर खाने से लेकर घूमने तक, सब हो जाता है.
हफ्ते में शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब यहां पर भीड़ न दिखे. हर रोज यहां पर बड़े तादाद में लोग आते हैं, घूमते हैं, शॉपिंग करते हैं.
अंग्रेजों के जमाने में बना यह मार्केट विशेष रूप से गोलाकार आकार में बनाया गया है. इसका डिजाइन ब्रिटिश डिजाइनर रॉबर्ट टोर रसेल ने किया है.
साल 1929 से लेकर 1933 के बीच इस मार्केट का निर्माण किया गया था. दिल्ली का यह मार्केट इंग्लैंड की रॉयल क्रिसेंट से प्रेरित है.
इसका नामकरण ब्रिटेन के शाही परिवार के मेंबर ड्यूक ऑफ कनॉट प्लेस के नाम पर रखा गया है.
अब मूल सवाल कि इस मार्केट का असल मालिक कौन है. इसका जवाब है भारत सरकार. कनॉट प्लेस का निर्माण भारत सरकार के स्वामित्व वाली जमीन पर किया गया है.
इसके निर्माण के बाद मार्केट की कई बिल्डिंग का मालिकाना हक प्राइवेट हाथों में दे दिया गया था. लेकिन इस मार्केट का कानूनी रूप से मालिक भारत सरकार है.
इसके किराए को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. इसके किराए क्षेत्रों के आधार पर तय किया गया है. लेकिन अंदाजा लगाया जाता है कि पूरे मार्केट का किराया करोड़ों में है.