11 Dec 2024
Shashank Srivastava
हम सभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. उसके सेटिंग में फ्लाइट मोड का एक ऑप्शन दिखता है.
अगर आप फ्लाइट में सफर करते हैं तब यात्रा के दौरान आपने यह जरूर सुना होगा कि अपने मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड पर डाल दें.
इस ऑप्शन को ऑन करने के बाद आपके मोबाइल का नेटवर्क ऑफ हो जाता है. इस दौरान आपका मोबाइल ऑन जरूर रहेगा लेकिन उसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी और कॉल सर्विस बंद रहती है.
लेकिन आपने कभी सोचा है कि फ्लाइट मोड की जरूरत आखिर होती क्या है? यानी फ्लाइट में फ्लाइट मोड को ऑन करने की निर्देश क्यों दी जाती है.
दरअसल अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तब उड़ान के दौरान फ्लाइट के नेविगेशन सिस्टम में परेशानी आती है जिससे फ्लाइट उड़ने में समस्या होती है.
मोबाइल फोन का सिग्नल एयरप्लेन के कम्युनिकेशन सिस्टम को भटका सकता है जिसके कारण पायलट को कम्युनिकेट करने में दिक्कत आती है.
साथ ही कंट्रोल रूप से कांटेक्ट करने में भी पायलट को परेशानी होती है. ऐसे में फ्लाइट रास्ता भी भटक सकती है.
इसके अलावा मोबाइल फोन से निकलने वाली तरंगे बाहर की जगहों के संपर्क सिस्टम से जुड़ने लगती है. इससे फ्लाइट के रेडियो स्टेशन से कम्युनिकेशन टूटने का खतरा बढ़ जाता है.
इससे पायलट को स्टेशन की ओर से जारी निर्देश सुनने में मुश्किल हो सकती है. निर्देश न मिलने की स्थिति में फ्लाइट क्रैश भी हो सकती है.