28 Jan 2025
satish vishwakarma
पंखे को कम स्पीड पर चलाने से बिजली की खपत कम होती है और बिजली का बिल घटता है, लेकिन क्या यह सच है? आइए समझते हैं.
पंखा एक इलेक्ट्रिक मोटर पर आधारित होता है. जब आप पंखे की स्पीड कम करते हैं, तो आप मोटर को धीमी गति से चलने का निर्देश देते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मोटर को कम बिजली की आवश्यकता होगी.
पुराने पंखों में मैकेनिकल रेगुलेटर का उपयोग होता था. ये रेगुलेटर मोटर की गति को कम करने के लिए रेजिस्टेंस बढ़ाते थे, जिससे बिजली की खपत थोड़ी कम हो सकती थी. हालांकि, इस प्रक्रिया में रेजिस्टेंस के कारण भी बिजली खर्च होती थी, जिससे बचत बहुत मामूली होती थी.
आजकल अधिकतर पंखों में इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर का उपयोग होता है. ये पंखे मोटर को सीधे कंट्रोल करते हैं. स्पीड कम करने पर वोल्टेज नहीं, बल्कि बिजली की फ्रीक्वेंसी कम होती है. जिससे पंखे की गति कम होने पर भी बिजली की खपत लगभग समान रहती है.
बड़े पंखे छोटे पंखों की तुलना में अधिक बिजली खपत करते हैं. बड़े कमरे को ठंडा करने के लिए बड़े पंखों की जरूरत होती है, जिससे बिजली की खपत बढ़ जाती है.
पुराने पंखों में कम स्पीड पर चलाने से मामूली बिजली बच सकती है. लेकिन नए इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर वाले पंखों में कम स्पीड पर बिजली की खपत लगभग समान रहती है. ऐसे में अगर आप बिजली बचाना चाहते हैं, तो एनर्जी एफिशिएंट पंखे का यूज करें.