18 Dec
Bankatesh kumar
लोगों को लगता है कि लाल चंदन प्राकृतिक रूप से केवल जंगलों में ही उगता है, लेकिन ऐसी बात नहीं. किसान चाहें, तो इसकी खेती भी कर सकते हैं. अभी बिहार- यूपी में भी किसान लाल चंदन की खेती कर रहे हैं.
लाल चंदन की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु बेहतर माना गया है. लेकिन रेतीली और बर्फीली इलाकों में इसकी खेती नहीं की जा सकती है. हालांकि, दोमट मिट्टी लाल चंदन की खेती के लिए अच्छी होती है.
मिट्टी का पीएच मान 4.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए. इसके पौधों की रोपाई करने का सबसे अच्छा समय मई से जून का महीना है. इस दौरान पौधों की रोपाई करने पर अच्छी ग्रोथ होती है.
अगर आप लाल चंदन की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए. इसके बाद गोबर की खाद खेत में डाल दें और पाटा चलाकर मिट्टी को समतल कर लें.
फिर आप 45 सेंटीमीटर चौड़ा और 45 सेंटीमीटर लंबा गड्ढा खोद कर लाल चंदन के पौधों की रोपाई कर सकते हैं. खास बात यह है कि रोपाई करते समय एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी कम से कम 10 फीट जरूर रखें.
साथ ही पौधों के पास जल निकासी की अच्छी तरह से व्यवस्था कर लें, नहीं तो फसल को नुकसान भी पहुंच सकता है. मार्केट में 100 से 150 रुपये के बीच चंदन का एक पौधा आ जाता है.
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, पहले चंदन की खेती पर प्रतिबंध था. लेकिन केंद्र सरकार ने साल 2001 में इसकी खेती पर से प्रतिबंध हटा दिया. अब राजस्थान जैसे राज्यों में भी किसान चंदन की खेती कर रहे हैं.
खास कर लाल चंदन की खेती के प्रति किसानों की ज्यादा रूचि देखने को मिल रही है. क्योंकि लाल चंदन का पेड़ जितना अधिक पुराना होता है उसकी कीमत उतनी ही अधिक होती है.
15 साल पुराने एक पेड़ को आप 70 हजार से 2 लाख रुपये के बीच बेच सकते हैं. इस तरह आप अगर लाल चंदन के 50 पेड़ लगाए हैं, तो 15 साल बाद बेचकर 1 करोड़ रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.