स्वतंत्र भारत में सबसे गंभीर आर्थिक चुनौतियों में से एक का सामना करते हुए मनमोहन सिंह ने 1991 में आर्थिक सुधार शुरू करने का फैसला किया. भारत के 22वें वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के एक महीने से भी कम समय बाद मनमोहन सिंह ने जुलाई 1991 में एक केंद्रीय बजट पेश किया, जिसने देश की आर्थिक दिशा को बदल दिया.