e-NAM प्लेटफॉर्म पर बेसन, आटा , ड्रैगन फ्रूट और सिंघाड़ा की होगी बिक्री, 10 कमोडिटी हुईं शामिल

किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने ई-नाम यानी Electronic-National Agriculture Market प्लेटफॉर्म पर 10 और कृषि प्रोडक्ट को जोड़ने की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही अब इस प्लेटफॉर्म पर कुल 231 उत्पादों की ऑनलाइन खरीद-बिक्री हो सकेगी.

किसानों के दस प्रोडक्ट बढ़ें ई-नाम प्लेटफॉर्म पर

किसानों के लिए बड़ी खबर है. कृषि मंत्रालय ने 10 और कृषि प्रोडक्ट को ई-नाम प्लेटफॉर्म पर बेचने की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही अब इलेक्ट्रॉनिक-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफॉर्म पर कुल 231 प्रोडक्ट सूचीबद्ध हो गए हैं. मंत्रालय के अनुसार, जोड़े गए नए प्रोडक्ट में सूखे तुलसी के पत्ते, बेसन, गेहूं का आटा, चना सत्तू, सिंघाड़े का आटा, हींग, सूखे मेथी के पत्ते, बेबी कॉर्न, ड्रैगन फ्रूट और सिंघाड़ा शामिल हैं.

सरकार ने यह फैसला राज्य एजेंसियों, कृषि विशेषज्ञों और स्मॉल फार्मर एग्री-बिजनेस कंसोर्टियम (SFAC) के विचार-विमर्श के बाद लिया गया है.

DMI ने तैयार किया मानदंड

दरअसल चना सत्तू, सिंघाड़े का आटा, हींग और सूखे मेथी के पत्ते सेकेंडरी बिजनेस कैटेगरी में आते हैं, जो फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPO) को वैल्यू-एडेड उत्पादों के मार्केटिंग में मदद कर सकते हैं. किसानों को इन उत्पादों पर बेहतर कीमत मिले, इसके लिए डायरेक्टरेट ऑफ मार्केटिंग एंड इंस्पेक्शन (DMI) ने इनके लिए बिजनेस अनुरूप मानदंड तैयार किए हैं. डीएमआई ने 221 कृषि वस्तुओं के लिए व्यापार योग्य मापदंड तैयार किए हैं, जो ई-नाम प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं और 10 अतिरिक्त कमोडिटीज को शामिल करने से सूची में 231 कमोडिटीज शामिल हो जाएंगी.

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क्या है ई-नाम प्लेटफॉर्म?

साल 2016 में लॉन्च किया गया एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो कृषि उपज बाजार समिति (APMC) की मंडियों को जोड़ता है. इसका उद्देश्य कृषि उत्पादों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार तैयार करना है, जिससे देशभर के किसान अपने कृषि प्रोडक्ट उचित मूल्य पर बेच सकें. साथ ही, यह किसानों और व्यापारियों को डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लाभ उठाने का अवसर प्रदान करता है, जिससे व्यापार में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिलता है.

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