अब 15 फीसदी तक नमी वाले सोयाबीन की होगी खरीद, केंद्र सरकार से मिली मंजूरी; जानें क्या है नियम
सोयाबीन महाराष्ट्र की मुख्य फसलों में से एक है. यहां के कई जिलों में किसान बड़े स्तर पर सोयाबीन की खेती करते हैं. महाराष्ट्र में सोयाबीन का रकबा करीब 50 लाख हेक्टेयर है. हालांकि, किसानों को 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से बहुत कम रेट मिल रहा है. जबकि लातूर के बाजार में कीमतें 4,100-4,200 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने सोयाबीन किसानों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने 15 फीसदी तक नमी वाले सोयाबीन की खरीद करने की अनुमति दे दी है. हालांकि, पहले सोयाबीन की खरदी के लिए नमी को लेकर जो मानक तय किया गया था, वह 12 प्रतिशत था. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से महाराष्ट्र के लाखों किसानों को सीधा फायदा होगा. क्योंकि सोयाबीन की सबसे अधिक खेती महाराष्ट्र में ही की जाती है. हालांकि, कुछ दिन पहले ही किसानों ने सरकार से सोयाबीन में नमी की मात्रा 12 फीसदी से बढ़ाने की मांग की थी.
द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर (एमपीएस) बिनोद गिरी ने शुक्रवार शाम को जारी एक बयान में कहा कि सोयाबीन खरीद में यह छूट केवल खरीफ 2024-25 सीजन के लिए है. खास बात यह है कि सामान्य नमी सीमा से अधिक सोयाबीन की खरीद से जुड़े खर्च और नुकसान को राज्य सरकारें वहन करेंगी. वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले से महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा में किसानों को काफी अधिक फायदा होगा. क्योंकि यहां पर किसान सबसे अधिक सोयाबीन की खेती करते हैं. यही वजह है कि बीतों दिनों किसानों ने सोयाबीन की कम मार्केट कीमत और धीमी गति से हो रही सरकारी खरीद को लेकर सरकार के लिखाफ गुस्सा जताया था.
अभी तक इतनी हुई सोयाबीन की खरीद
महाराष्ट्र में देश में सबसे अधिक खरीद एजेंसियां हैं. इसके बावजूद भी सोयाबीन की धरीद प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है. लक्षित 13.08 लाख टन में से अब तक केवल 3,887.93 टन की खरीद हो पाई है. किसान देरी से हो रही खरीद के लिए एजेंसियों में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और बैंडविड्थ को दोषी ठहा रहे हैं. जबकि एजेंसियां खरीद में धीमी रफ्तार के लिए सोयाबीन में अधिक नमी की मात्रा को जिम्मेदार मान रहे हैं.
ये भी पढ़ें- पंजाब के किसान 30 नवंबर तक करें गेहूं की इन किस्मों की बुवाई, कम समय में होगी बंपर पैदावार
इतनी है सोयाबीन की कीमत
बता दें कि सोयाबीन महाराष्ट्र की मुख्य फसलों में से एक है. यहां के कई जिलों में किसान बड़े स्तर पर सोयाबीन की खेती करते हैं. महाराष्ट्र में सोयाबीन का रकबा करीब 50 लाख हेक्टेयर है. हालांकि, किसानों को 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से बहुत कम रेट मिल रहा है. जबकि लातूर के बाजार में कीमतें 4,100-4,200 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हैं.
राहुल गांधी ने किया है ये वादा
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विदर्भ में एक रैली के दौरान सोयाबीन किसानों को मौद्रिक सहायता का वादा किया था. इसके बाद कई नेताओं ने भी इस पर अपनी राय दी. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महा विकास अघाड़ी (MVA) की अगली सरकार बनने पर बोनस के साथ 7,000 रुपये प्रति क्विंटल का MSP देने का वादा किया है.
ये भी पढ़ें- इस दिन से प्याज की कीमतों में शुरू हो सकती है गिरावट, सरकारी अधिकारियों ने दिए संकेत