हरियाणा में अब 24 फसलों की होगी MSP पर खरीद, सरकार ने जारी की अधिसूचना

19 दिसंबर की नई अधिसूचना के अनुसार, तत्कालीन मंत्रिपरिषद ने 5 अगस्त को अपनी बैठक में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा और ग्रीष्मकालीन मूंग को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया. वहीं, सरकार के इस फैसलें से किसान भी खुश हैं.

अगस्त तक सरकारी एजेंसियां ​​एमएसपी पर 14 फसलों की खरीद करती थीं. Image Credit: Freepik

हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी है. अब प्रदेश में 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी. खास बात यह है कि इसके लिए राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. हालांकि, राज्य में अभी तक 14 फसलों की एमएसपी पर खरीद की जा रही थी. कहा जा रहा है सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लाखों किसान परिवारों को सीधा फायदा होगा.

पीटीआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की पिछली सरकार के दौरान ही मंत्रिमंडल ने एमएसपी पर 10 अतिरिक्त फसलों को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. अतिरिक्त फसलों के लिए एमएसपी पर निर्णय विधानसभा चुनाव से पहले 5 अगस्त को घोषित किया गया था. अगस्त तक सरकारी एजेंसियां ​​एमएसपी पर 14 फसलों की खरीद करती थीं.

इन फसलों की होगी खरीद

19 दिसंबर की नई अधिसूचना के अनुसार, तत्कालीन मंत्रिपरिषद ने 5 अगस्त को अपनी बैठक में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा और ग्रीष्मकालीन मूंग को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया. अधिसूचना में कहा गया है कि यह उन फसलों के अतिरिक्त है जिनकी खरीद पहले से की जा रही है, जिनमें धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उड़द, अरहर, गेहूं और सरसों शामिल हैं.

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मुख्यमंत्री सैनी ने किया था ऐलान

5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए, सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा था कि एमएसपी का निर्णय किसानों के कल्याण के लिए सरकार के कई उपायों का हिस्सा है. 13 दिसंबर को, मुख्यमंत्री सैनी ने कहा था कि उनकी सरकार हरियाणा में किसानों की सभी फसलों पर एमएसपी प्रदान कर रही है और पड़ोसी पंजाब सरकार को भी ऐसा करने की चुनौती दी.

कुछ दिन पहले, सीएम सैनी ने कहा था कि पंजाब की आप सरकार को किसानों की शिकायतों को दूर करने के लिए उनसे बात करनी चाहिए. उनकी टिप्पणी संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच आई थी, जो 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर उनके मार्च को रोक दिया गया था.

किसान कर रहे आंदोलन

101 किसानों के एक जत्थे ने 6 से 14 दिसंबर के बीच पैदल दिल्ली में प्रवेश करने के तीन प्रयास किए, लेकिन हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल (70) पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर बैठे हैं, ताकि केंद्र पर आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके, जिसमें फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी भी शामिल है.

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