भारी बारिश के बाद शुरू हुई मानसून की विदाई, रबी फसलों की बंपर पैदावार की उम्मीद
भारी बारिश के कारण खरीफ फसलों की बुवाई अच्छी हुई है. बेहतर बारिश की वजह से जलाशय भी लबालब हैं, जिससे आने वाले रबी की बुवाई के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है. साथ ही देर से हुई बारिश के कारण मिट्टी में नमी बढ़ी है.
देश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश के बाद, दक्षिण-पश्चिम मानसून की पश्चिमी राजस्थान और कच्छ के कुछ हिस्सों से विदाई शुरू हो गई है, जो सामान्य से लगभग एक सप्ताह देरी से है. मानसून की वापसी पिछले चार महीनों की यात्रा का अंतिम पड़ाव है, जो आमतौर पर केरल में आगमन के साथ शुरू होती है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, 23 सितंबर तक भारत में 5 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, और लगभग सभी जगहों पर औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई.
भारी बारिश के कारण खरीफ फसलों की बुवाई अच्छी हुई है. बेहतर बारिश की वजह से जलाशय भी लबालब हैं, जिससे आने वाले रबी की बुवाई के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है. साथ ही देर से हुई बारिश के कारण मिट्टी में नमी भी बढ़ गई है. सरकार के नए आंकड़ों के मुताबिक, 20 सितंबर तक लगभग 110.46 मिलियन हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई की गई थी, जो पिछले साल इसी समय की गई बुआई से 1.51 प्रतिशत ज्यादा है.
इस सीजन में धान, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और मक्का की फसलें सबसे ज्यादा उगाई गई हैं. इन फसलों की बंपर पैदावार से सरकार को निर्यात और घरेलू व्यापार पर लगाए गए प्रतिबंधों में छूट देने में मदद मिल सकती है, क्योंकि पिछले साल अपेक्षाकृत कम पैदावार हुई थी. इस साल अच्छी पैदावार की वजह से किसानों की आय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
हालांकि, देरी से हुई बारिश ने कुछ परेशानियां भी खड़ी की हैं. देश के कई हिस्सों में बाढ़ की समस्या देखने को मिल रही है, जिससे खेत जलमग्न हो गए हैं और किसानों के लिए चुनौतियां पैदा हो गई हैं. इससे होने वाले नुकसान का आकलन अभी बाकी है. साथ ही बाढ़ के कारण ग्रामीण इलाकों में सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है. हालांकि, अगर खरीफ की फसलों में बेहतर उत्पादन होता है, तो आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है.