कमाल के हैं ये APP, इनकी लॉन्चिंग से खेती करना हो गया आसान; मिनटों में हो जाती है मिट्टी की जांच

पहले किसानों को फसलों में नई बीमारी लगने पर जांच कराने के लिए कृषि वैज्ञानिकों के पासा जाना पड़ता था. ऐसे में काफी समय लगता था, तब तक फसल खराब हो जाती थी. लेकिन अब किसान मोबाइल फोन से ही ऐप की मदद से रोगों की जांच कर सकते हैं. ई-निरोग ऐप किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. समय पर फसलों का उपचार होने से पैदावार भी बढ़ेगी.

मोबाइल से करें मिट्टी की जांच. Image Credit: Freepik

आज 1 जनवरी है. इसके साथ ही हम लोग नए साल यानी 2025 में प्रवेश कर गए हैं. लेकिन साल 2024 को भी भुलाया नहीं जा सकता. 2024 के दौरान भारत ने कई क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया. बात अगर कृषि की करें, तो इस सेक्टर के लिए साल 2024 काफी महत्वपूर्ण रहा. खास कर तकनीकी रूप से कृषि सेक्टर में बहुत विकास हुआ. नए-नए तकनीकों के आने से खेती करना काफी आसान हो गया. साथ ही खेती में इनपुट लागत भी कम हो गई. ऐसे में आज हम उन तकनीकों के बारे में चर्चा करेंगे, जिसने साल 2024 में किसानों की काफी मदद की.

E-Nirog App: साल 2024 में ई-निरोग ऐप का अविष्कार किसानों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा है. इस ऐप की मदद से किसान घर बैठे-बैठे ही फसलों में लगने वाली बीमारी की पहचान कर सकते हैं. साथ ही यह ऐप रोगों की पहचान कर उसका इलाज भी बता देता है. दरअसल, इस ऐप को बिहार के कृषि विभाग ने लॉन्च किया है. इस ऐप के आने से किसानों को काफी सहुलियत हुई है. अब वे फसलों में लगने वाले रोगों की पहचान ई-निरोग ऐप के जरिए कर रहे हैं और ऐप के द्वारा बताए गए दवाइयों से इलाज भी कर रहे हैं. इससे खेती में इनपुट लागत कम हो गई है.

कैसे करें ई-निरोग ऐप का इस्तेमाल

दरअसल, ई-निरोग ऐप AI की मदद से काम करता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए किसान को सबसे पहले मोबाइन फोन से फसलों की पत्तियों को स्कैन करना पड़ता है. स्कैन करते ही ऐप बीमारी की पहचान कर लेता है. इसके बाद वह किसानों को उस बीमारी के उपचार के बारे में बताता है. अगर किसान चाहें, तो ई-निरोग ऐप किसी भी मोबाइल फोन में डाउनलोड कर सकते हैं. यह ऐप किसानों के लिए मददगार साबित होगा.

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मिट्टी की जांच करना हुआ आसान

भू परीक्षा-2: आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए ‘भू परीक्षा-2’ नाम का एक उपकरण बनाया है. इसकी मदद से कुछ ही मिनटों में मिट्टी का परीक्षण किया जा सकता है. आईआईटी के विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपकरण आने वाले समय में किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. क्योंकि भू परीक्षा-2 मिट्टी की सेहत के बारे में पूरी जानकारी दे देता है. मिट्टी में किस पोषक तत्वों की कमी है, यह उसके बारे में बता देता है. इसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर किसान फसल की बुवाई से लकेर खाद की मात्र के बारे में फैसला ले सकते हैं. साथ ही इस उपकरण की मदद से किसान ये भी जान सकते हैं, इस खेत में किस फसल की बुवाई करने पर अच्छी पैदावार मिलेगी.

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2 मिनट में 12 पोषक तत्वों की जांच

आईआईटी कानपुर के मुताबिक, इस उरकरण में मिट्टी डालते ही यह 2 मिनट में 12 पोषक तत्वों की जांच कर अपनी रिपोर्ट दे देगा. हालांकि, अभी तक यह उपकरण मार्केट में नहीं आया है. इससे इस साल उतारने की तैयारी है. फिलहाल छह पोषक तत्वों की जांच करने वाली आईआईटी कानपुर की भू-परीक्षा-1 डिवाइस बाजार में उपलब्ध है. किसान इसकी मदद से मिट्टी की जांच कर रहे हैं. अब किसानों को मिट्टी की जांच कराने के लिए शहर स्थिति लैब नहीं जाना पड़ रहा है.

कैसे काम करता है सचेत ऐप

सचेत ऐप: मौसम की मार के चलते भी किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. अचानक मौसम में आए बदलाव के चलते सबसे अधिक फसलें ही प्रभावित होती हैं. क्योंकि किसानों को मॉनसून के पूर्वानुमान की जानकारी नहीं होती है. ऐसे में फसलों के हाने वाले नुकसान को रोकने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पिछले साल एक ऐप जारी किया था, जिसे ‘सचेत एप’ नाम दिया गया है.

इस तरह की जानकारी देगा ऐप

यह ऐप अपको तेज बारिश, तूफान, बिजली चमकने, बिजली गिरने की सही जानकारी देगा. यह एप्लीकेशन सभी जगह (सभी लोकेशन) काम करेगा. कोई भी व्यक्ति इसे अपने मोबाइल में इंस्टॉल करके अपना लोकेशन डालकर क्षेत्र के बारे में जानकारी ले सकता है. सचेत ऐप हर घंटे पर मौसम का अपडेट देता है. इस ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन करना होगा