आम, नींबू और पौधे बेचकर 18 लाख रुपये कमा लेता है UP का ये किसान, विदेशों तक फैला है कारोबार

आज हम यूपी के एक ऐसे प्रगतिशील किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो बागवानी से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. इनके बाग में उगाए गए आम की सप्लाई केवल भारत के दूसरे राज्यों में ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश और नेपाल में भी होती है. ये बीना बीज वाले नींंबू की भी खेती कर रहे हैं.

अपने बाग में किसान विकार अहमद खान. Image Credit: Money9

Agriculture success story: पारंपरिक फसलों के बजाए अब किसानों की दिलचस्पी बागवानी में बढ़ रही है. खास कर उत्तर प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में ऐसे किसान मिल जाएंगे, जो आम, अमरूद, नींबू और अन्य बागवानी फसलों की खेती से साल में लाखों रुपये की कमाई कर हे हैं. इन किसानों की बागवानी शुरू करते ही आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो गई है. अब वे पहले के मुकाबले अच्छी जिन्दगी जी रहे हैं. आज हम यूपी के एक ऐसे प्रगतिशील किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो आम और नींब बेचकर साल में 17 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं. इनको बागवानी के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

दरअसल, हम जिस सफल किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं, उनका नाम विकार अहमद खान है. वे उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के बहादुरगढ़ थाना के रहने वाले हैं. वे अपने गांव में ही आम, पौधे और खास किस्म के नींबू बेचकर साल में करीब 18 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. विकार अहमद खान का कहना है कि उनके पास 6 एकड़ में आम का बाग है. इसके अलावा एक एकड़ में नींबू और एक एकड़ में अमरूद का भी बाग है. साथ ही नर्सरी में तैयार पौधों को बेचकर भी अच्छी कमाई कर लेते हैं.

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आम के बाग पर 2 लाख का खर्च

MONEY9 Live से बात करते हुए विकार अहमद खान ने बताया कि वे आम की खेती आधुनिक विधि से करते हैं. कीटनाशक, खाद और मजदूरी पर हर साल करीब 2 लाख रुपये खर्च करते हैं. इसमें से डेढ़ लाख रुपये कीटनाशक और खाद पर खर्च करते हैं. बाकी के 50 हजार रुपये बाग में काम करने वाले मजदूरों पर खर्च होता है. विकार अहमद का कहना है कि वे हर साल करीब 15 लाख रुपये का आम बेचते हैं. उन्होंने बताया कि उनके बाग के आम की सप्लाई नेपाल, दिल्ली और बांग्लादेश तक होती है.

आम बेचकर 11 लाख का शुद्ध मुनाफा

उन्होंने बताया कि आम की ट्रांसपोर्टिंग पर करीब 2 लाख रुपये का खर्च आता है. यानी कुल खर्च निकालकर विकार अहमद खान सिर्फ आम बेचकर हर साल 11 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा लेते हैं. उन्होंने कहा कि अनके बाग में दशहरी, चौसा और गुलाब जाबुन आम का प्रोडक्शन होता है. उन्होंने कहा कि वे बाग में खाद के रूप में यूरिया, पोटाश और डीएपी का इस्तेमाल करते हैं.

10 हजार रुपये में शुरू की खेती

विकार अहमद खान आम के अलावा नींबू और अमरूद की भी बागवानी करते हैं. चार साल पहले उन्होंने यूरेका किस्म के नींबू की खेती शुरू की. एक एकड़ में यूरेका किस्म की रोपाई करने में करीब 10 हजार रुपये का खर्च आया. उन्होंने कहा कि रोपाई करने के एक साल बाद ही नींबू का उत्पादन शुरू हो गया. पहले साल 45 हजार रुपये का नींबू बेचा. दूसरे साल नींबू बेचकर 70 हजार रुपये की कमाई हुई. वहीं, तीसरे साल उन्होंने 1 लाख 28 हजार रुपये का नींबू बेचा. यानी महज 10 हजार रुपये खर्च कर उन्होंने चार साल में 2 लाख 43 हजार रुपये का नींबू बेचा.

बाग में जैविक खाद का इस्तेमाल

किसान की माने तो नींबू के बाग में वे रासायनिक खादों का इस्तेमाल नहीं करते हैं. उर्वरक के रूप में गोबर, कंपोस्ट और चूना का ही इस्तेमाल किया जाता है. उनका कहना है कि यूरेका एक खास किस्म का नींबू है. इसमें बीज नहीं होता है. रोपाई करने के 1 साल बाद ही पैदावार मिलने लगती है. उन्होंने कहा कि वे स्थानीय बाजार में खुद नींबू बेचते हैं. मार्केट में 60 से 100 रुपये किलो रेट मिल जाता है.

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नींबू के पौधे से भी कमाई

किसान विकार अहमद खान ने कहा कि उनके पास नींबू के बाग के साथ-साथ इसकी नर्सरी भी है. पिछले साल उन्होंने नींबू की नर्सरी तैयारी की. इसके ऊपर ढाई हजार रुपये का खर्च आया. लेकिन उन्होंने पौधे बेचकर 15, 0000 रुपये की कमाई की. उन्होंने कहा कि वे 100 रुपये में नींबू का एक पौधा बेचते हैं. 1500 पौधे बेचकर उन्हें 15, 0000 रुपये की इनकम हुई. यानी ये आम, नींबू और पौधे बेचकर साल में करीब 18 लाख रुपये कमा ले रहे हैं. खास बात यह है कि विकार अहमद खान को बागवानी में कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. अब वे दूसरे किसानों को भी बागवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.