अजीत पवार ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र, प्याज को लेकर कर डाली ये बड़ी मांग; जानें वजह
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उत्पादन लागत से भी कम दर दी जाती है, तो प्याज किसानों को भारी नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के प्याज की विदेशों में काफी मांग है. महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है, जबकि नासिक जिले के लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है.
अचानक प्याज की कीमतों में गिरावट आते ही महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने केंद्र सरकार से प्याज पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क हटाने की मांग की है, ताकि प्याज किसानों को राहत मिल सके. खास बात यह है कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्याज पर निर्यात शुल्क हटाने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. इस पत्र में पवार ने नासिक जिले के किसानों से संबंधित मुद्दों को हल करने का आग्रह किया है.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि निर्यात शुल्क हटाने से लाल प्याज की कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी. साथ ही किसानों को उनकी उत्पादन लागत से बेहतर रिटर्न मिलेगा. नासिक से विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने प्याज की गिरती कीमतों के मुद्दे का समाधान खोजने के लिए पवार से गुहार लगाई थी. साल 2023 में लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों के कारण पूरे प्याज क्षेत्र ने लोकसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया था.
किसानों की कमाई में आई गिरावट
द इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, पवार ने अपने पत्र में कहा है कि बेमौसम बारिश से प्याज किसानों की कमाई में कमी आई है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें उत्पादन लागत से कम दर पर प्याज देने के लिए मजबूर किया जाता है, तो किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा. पत्र में कहा गया है कि किसान महाराष्ट्र के प्याज की भारी अंतरराष्ट्रीय मांग का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
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2400 रुपये क्विंटल है प्याज का रेट
पवार ने कहा कि प्याज के बड़े स्टॉक के आने के कारण, किसान अब संकट में हैं, क्योंकि उन्हें अपनी उपज बहुत कम दर पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. कीमतों में गिरावट आने के चलते उन्हें अभी तक कोई न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वे औसतन 2,400 रुपये प्रति क्विंटल प्याज बेच रहे हैं. एनसीपी नेता ने लिखा कि बेमौसम बारिश और बदलते जलवायु ने प्याज किसानों की कमाई में भारी गिरावट ला दी है. अब कीमतों में गिरावट आने से और नुकसान होगा.
निर्यात शुल्क हटाना जरूरी
किसानों के अनुसार, केंद्र ने प्याज के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिसके कारण राज्य का यह रसोई का मुख्य उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता खो रहा है. पवार ने गोयल को पत्र में लिखा है कि प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाया जाना चाहिए, ताकि किसान राहत की सांस ले सकें और अपने नुकसान की कुछ भरपाई कर सकें.
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