केले की फसल में लगी नई बीमारी, 8 रुपये किलो हुई कीमत; 200 करोड़ के नुकसान का अनुमान
बढ़ती ठंड का असर केले की फसल पर दिखने लगा है. इससे इसके उत्पादन में 30 फीसदी तक गिरावट आने की बात कही जा रही है. खास बात यह है कि केले के उत्पादन में गिरावट आने से निर्यातकों को काफी नुकसान होगा.
बढ़ती ठंड से केवल इंसान ही परेशान नहीं हैं, बल्कि इसका असर फसलों के ऊपर भी देखने को मिल रहा है. ठंड के चलते केले के ऊपर लाल धब्बे आने लगे हैं. इससे कीमत गिरकर 8 से 14 रुपये किलो हो गई है. कहा जा रहा है कि ठंड के चलते इस साल केले के उत्पादन में 30 फीसदी तक गिरावट आने की संभावना है. ऐसे में केला निर्यातकों को करीब 200 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि उत्पादन में गिरावट आने से अगले साल केले की कीमतों में बढ़ोतरी भी हो सकती है.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख केला उत्पादक राज्यों में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है. इससे केले का रंग खराब हो गया है. वहीं, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि ठंड के कारण होने वाले नुकसान से केले कारोबारियों को भी नुकसान उठान पड़ेगा. क्योंकि केले के निर्यात में 15-30 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है.
कीमतों में आई भारी गिरावट
पिनाकल एग्रोटेक के बिजनेस हेड कौस्तुभ भामरे ने कहा कि कुछ व्यापारियों ने किसानों के साथ 24-28 रुपये प्रति किलो पर सौदे किए थे, लेकिन कटाई के लिए तैयार केले के छिलके पर लाल धब्बे दिखने के बाद कीमतें गिरकर 8-14 रुपये पर आ गईं. उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम ने कुछ निर्यातकों की प्लानिंग पर पानी फेर दिया है. खास बात यह है कि इन निर्यातकों को पहली बार रूस और ईरान से ऑर्डर मिले थे, जबकि पश्चिम एशिया और खाड़ी देशों से भी मांग मजबूत बनी हुई है.
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केले का सबसे बड़ा निर्यातक
भामरे ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर केले के सबसे बड़े निर्यातकों में शामिल है. महाराष्ट्र के जालना और शोलापुर में बड़े पैमाने पर उगाए जाने वाले रोबस्टा केले की वैश्विक स्तर पर काफी मांग है. ठंड के मौसम के प्रभाव से बचने के लिए किसान अक्टूबर और नवंबर में केले की फसल उगाते हैं, ताकि जुलाई-अगस्त तक केले की फसल तैयार हो सके.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
केडिया कमोडिटीज के निदेशक अजय कुमार ने कहा कि आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में केले की कीमतें भी बढ़ेंगी, क्योंकि किसान खराब गुणवत्ता के कारण निर्यात अधिशेष को परिवहन नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि जल्दी रोपण और ठंड के मौसम के आने से पहले कटाई करके समस्या को कुछ हद तक हल किया जा सकता है.
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