बार्क ने जारी की गेहूं, चावल, तिलहन की 8 नई किस्में, जानें क्यों हैं खास
बार्क ने बयान में कहा कि ट्रॉम्बे राज विजय गेहूं-155 (TRVW-155) को मध्य प्रदेश के लिए राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के सहयोग से विकसित किया गया है. इसमें जिंक और आयरन की मात्रा अधिक है. इससे रोटी की गुणवत्ता बेहतर रहेगी.

खेती-किसानी करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें कम रकबे में ही बंपर पैदावार मिलेगी, क्योंकि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क), मुंबई ने गेहूं, चावल और तिलहन की 8 नई किस्मों को विकसित किया है. कहा जा रहा है कि गेहूं, चावल और तिलहन की ये किस्में बंपर उपज देने वाली हैं. साथ ही जलवायु अनुकूल भी हैं. यानी इन किस्मों की खेती किसी भी जलवायु में की जा सकती है. बार्क का कहना है कि इन किस्मों की खेती करने से पैदावार में बढ़ोतरी होगी, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा.
बार्क ने एक बयान में कहा कि इन किस्मों को रेडिएशन आधारित म्यूटेशन ब्रीडिंग तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया गया है. खास बात यह है कि इन किस्मों में पांच अनाज और तीन तिलहन हैं. वहीं, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष अजीत कुमार मोहंती ने कहा है कि इन किस्मों की खेती से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही देश में खाद्य का उत्पादन भी बढ़ेगा.
कम समय में फसल तैयार
बिजनेस स्टैंडर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बार्क के निदेशक विवेक भसीन ने कहा कि इन किस्मों की बुवाई करने पर फसल कम समय में ही पक कर तैयार हो जाएगी. साथ ही इनमें रोगों से लड़ने की क्षमता भी अधिक है. उन्होंने कहा कि जलवायु अनुकूल होने के चलते किसी भी राज्य में इन किस्मों की बुवाई की जा सकती है. अगर किसान चाहें, तो बंजर जमीन पर भी इसकी बुवाई कर सकते हैं. इससे उपज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उनके अनुसार ये किस्में किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है.
विवेक भसीन ने कहा कि गेहूं की फसल को बढ़ते तापमान से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. खासकर अनाज भरने के चरण के दौरान अचानक गर्मी बढ़ जाती है. इससे फसल की पैदावार प्रभावित होती है. उन्होंने कहा कि पहली बार बार्क ने गेहूं की किस्में विकसित की हैं. उन्होंने कहा कि ट्रॉम्बे जोधपुर गेहूं-153 (TJW-153) को राजस्थान के लिए जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित किया गया है. यह किस्म गर्मी को सहन करने वाली है, जो शुरुआती या अंतिम गर्मी के असर के बावजूद बंपर पैदावार देगी.
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गेहूं की किस्मों की खासियत
बार्क ने बयान में कहा कि ट्रॉम्बे राज विजय गेहूं-155 (TRVW-155) को मध्य प्रदेश के लिए राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के सहयोग से विकसित किया गया है. इसमें जिंक और आयरन की मात्रा अधिक है. इससे रोटी की गुणवत्ता बेहतर रहेगी. जबकि, ब्लास्ट और पाउडरी फफूंद जैसी फफूंद जनित बीमारियों के लिए भी यह प्रतिरोधी है. वहीं, चावल की किस्म बौना लुचाई-CTLM को छत्तीसगढ़ के लिए IGKV, रायपुर के साथ विकसित किया गया था. बौना लुचाई एक बौनी, जल्दी पकने वाली किस्म है, जिसमें गिरने का प्रतिरोध (बारिश या हवा में नहीं गिरता) है.
चावल की किस्में
बार्क द्वारा लॉन्च की गई संजीवनी चावल की किस्म लायाचा चावल की भूमि प्रजाति से ली गई है. बार्क ने कहा कि संजीवनी 350 से अधिक फाइटोकेमिकल्स से समृद्ध है. इसी तरह ट्रॉम्बे कोंकण खारा किस्म महाराष्ट्र की खारी तटीय मिट्टी के लिए तैयार की गई है. बार्क द्वारा लांच की गई अन्य नई फसल किस्में ट्रॉम्बे जोधपुर मस्टर्ड-2 (टीजेएम-2), ट्रॉम्बे लातूर तिल-10 (टीएलटी-10) और छत्तीसगढ़ ट्रॉम्बे मुंगफली (सीजीटीएम) तिलहन हैं.
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