किसानों के समर्थन में उतरें भूपेंद्र हुड्डा, हरियाणा सरकार से कर डाली ये मांग

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य सरकार से किसानों के लिए फसल मुआवजा की मांग की है. उन्होंने कहा कि जनवरी में भी ओलावृष्टि के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ था. इससे किसानों को आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक पूरी फसलों का सत्यापन भी नहीं किया है.

हरियाणा में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान. Image Credit: @tv9

Crop Compensation: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को तत्काल मुआवजा देने की सोमवार को मांग की. हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में तीन दिन से हो रही बारिश और ओलावृष्टि से प्रदेश के 12 जिलों में गेहूं और सरसों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. सरकार को इसके बदले किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए.

पीटीआई के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में गेहूं की फसलें नष्ट हो गई हैं. वहीं, सरसों की फसलें भी गिर गई हैं. इसके अलावा, पशुचारा, सब्जियां और प्याज जैसी कई फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. लिहाजा सरकार को खोखली बयानबाजी बंद कर फसलों को पहुंचे नुकसान की तुरंत ‘गिरदावरी’ (क्षति आकलन के लिए सर्वेक्षण) करवानी चाहिए और किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए.

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2.03 लाख एकड़ में फसल बर्बाद

हुड्डा ने कहा कि जनवरी में भी ओलावृष्टि के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ था. उन्होंने दावा किया कि उस समय कांग्रेस के आ‍वाज उठाने के बाद सरकार ने ‘गिरदावरी’ की घोषणा की थी, लेकिन सरकार ने न तो ‘गिरदावरी’ करवाई और न ही मुआवजा दिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि 1,763 गांवों के 5,299 किसानों ने 2.6 लाख एकड़ क्षेत्र में नष्ट हुई फसलों का ब्योरा निर्धारित पोर्टल पर अपलोड किया है, लेकिन सरकार ने अभी तक 2.03 लाख एकड़ क्षेत्र में नष्ट हुई फसलों का भी सत्यापन नहीं किया है.

गुजरात में नई योजना की डिमांड

वहीं, गुजरात विधानसभा में सोमवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने मांग की कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विकल्प के रूप में एक नयी योजना पेश करे. कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य में इस योजना को बंद किए जाने से किसानों को परेशानी हो रही है. मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने सदन को बताया कि गुजरात सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण फसलों को नुकसान झेलने वाले किसानों को मुआवजे के रूप में 1,162 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

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कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शैलेश परमार ने अपने कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए राज्य सरकार से “मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना” शुरू करने की मांग की, क्योंकि राज्य ने 2020 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को बंद कर दिया था. परमार ने कहा कि नियमित अंतराल पर बेमौसम बारिश के कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. हमारे पास प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना थी. लेकिन, इसे बंद कर दिया गया है. इसलिए, हम मांग करते हैं कि राज्य सरकार किसानों के लिए ‘मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना’ शुरू करे.