Budget 2025: पिछले 5 बजट में केंद्र ने की कई घोषणाएं, अब किसानों की इस योजना को लेकर बढ़ी उम्मीदें

केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादन और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पिछले 4 बजट में कई महत्वपूर्ण घोषनाएं की हैं. इससे किसानों को काफी फायदा हुआ है. फसल उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-21 में कृषि लोन को 15 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का फैसला किया.

budget 2025 से किसानों की उम्मीदें. Image Credit: Freepik

खेती धीरे-धीरे बिजनेस का रूप ले रही है. इसके चलते एग्रीकल्चर सेक्टर में भी बड़े स्तर पर रोजगार पैदा होने की उम्मीदें बन रही हैं. अभी एग्रीकल्चर सेक्टर करीब 42.3 फीसदी आबादी को रोजगार दे रहा है और देश के GDP में इसकी 18.2 फीसदी हिस्सेदारी है. लेकिन इसके बावजूद भी किसान जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा और वैज्ञानिक तकनीकों की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में किसानों को केंद्रीय बजट 2025 से बहुत उम्मीदें हैं. क्योंकि पिछले कई साल से केंद्र सरकार किसानों के लिए योजनाओं की घोषणा कर रही है.

पिछले एक दशक के दौरान एग्रीकल्चर बजट में 379 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके चलते एग्रीकल्चर बजट साल 2013-14 में 27,662.67 करोड़ से रुपये से बढ़कर 2024-25 में 1,32,469.86 करोड़ रुपये हो गया है. ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि सरकार इस आगामी बजट में भावांतर योजना के लिए आवंटन राशि बढ़ा सकती है, ताकि कपास उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके. हालांकि, इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पहले से ही चल रहा है.

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बजट में की गईं घोषनाएं

हालांकि, केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादन और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पिछले 5 बजट में कई महत्वपूर्ण घोषनाएं की हैं. इससे किसानों को काफी फायदा हुआ है. फसल उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है.

सब्सिडी पर इतनी फीसदी हुआ खर्च

केंद्र सरकार फर्टिलाइजर के ऊपर भी सब्सिडी के रूप में मोटी रकम खर्च कर रही है. उसने साल 2016-2017 में टोटल खर्च में 3 फीसदी फर्टिलाइजर सब्सिडी पर खर्च किया. इसी तरह साल 2024-25 में भी करीब 3 फीसदी सब्सिडी पर खर्च किए जाने की उम्मीद है. वहीं, साल 2019-20 में श्री अन्न का 20 मिलियन टन उत्पादन हुआ, जो साल 2023-24 में घटकर 17.6 मिलियन टन रह गया.

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भारत बना दुनिया का आठवां निर्यातक

वित्त वर्ष 2023 में निर्यात में 51.12 बिलियन डॉलर से वित्त वर्ष 2024 में 48.77 बिलियन डॉलर की गिरावट के बावजूद भारत 2023 में दुनिया का आठवां सबसे बड़ा कृषि निर्यातक देश बन गया. इसका मुख्य कारण घरेलू खाद्य सुरक्षा कारणों से चावल और गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना है.