Budget 2025: एक्सपर्ट के बताए इन 6 उपायों को लागू कर सकती है सरकार, किसानों को होगा सीधा फायदा
मोदी सरकार की कैबिनेट ने साल 2025 के पहले ही दिन यानी 1 जनवरी को ही किसानों के हित में एक बहुत बड़ा फैसला लिया. उसने डीएपी उर्वरकों के लिए 3,850 करोड़ रुपये के एकमुश्त पैकेज की मंजूरी दी. इस पैकेज से किसानों को 50 किलोग्राम का डीएपी उर्वरक 1,350 रुपये में मिलता रहेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी. इस बजट से सभी सेक्टर के लोगों को काफी उम्मीदें है. लेकिन किसान कुछ ज्यादा ही आस लगाए हुए हैं. उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार बजट 2025 में किसानों के लिए कुछ खास योजनाएं शुरू करने का ऐलान कर सकती है. साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के लाभार्थियों की नजरें भी इस बजट पर टिकी हुई हैं. उन्हें लग रहा है कि शायद इस बार सरकार पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी का ऐलान कर दे. तो आइए जानते हैं किसानों की वे कौन-कौन सी उम्मीदें हैं, जो इस बजट पर टिकी हुई हैं.
दरअसल, हाल ही में किसान नेताओं की केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण के साथ हुई बैठक हुई थी. इस बैठक में किसान प्रतिनिधियों और एग्री स्टॉक होल्डर्स ने उनके सामने कई मांगें रखीं. इनमें किसानों के लिए लंबे समय के लिए, कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करना, पीएम किसान राशि को दोगुना करना, टैक्स में कमी करना और मंडी स्ट्रक्चर में सुधार करना शामिल है. ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि इस बजट में उनके हित में कुछ अलग से फैसले लिए जा सकते हैं. क्योंकि मोदी सरकार ने नए साल के पहले दिन ही किसानों के हित में कई फैसले लिए.
किसानों को दिया गिफ्ट
मोदी सरकार की कैबिनेट ने साल 2025 के पहले ही दिन यानी 1 जनवरी को ही किसानों के हित में एक बहुत बड़ा फैसला लिया. उसने डीएपी उर्वरकों के लिए 3,850 करोड़ रुपये के एकमुश्त पैकेज की मंजूरी दी. इस पैकेज से किसानों को 50 किलोग्राम का डीएपी उर्वरक 1,350 रुपये में मिलता रहेगा. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवंटन बढ़ाकर 69,515 करोड़ रुपये कर दिया. इससे करीब 4 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा. यही वजह है कि केंद्र सरकार के सकारात्मक संकेतों से किसानों की उम्मीदें इस बजट से बढ़ती जा रही हैं.
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विशेषज्ञों ने सुझाए कई उपाय
द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, कृषि विशेषज्ञों ने भी किसानों की आय बढ़ाने और दीर्घकालिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सरकार को कई उपाय सुझाए हैं. सरकार इनमें से कुछ उपायों को बजट में शामिल कर सकती है. अगर ऐसा होता है, तो किसानों को काफी फायदा होगा. उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी. इससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.
एक्सपर्ट के क्या हैं उपाय
जलवायु-संवेदनशील बीज: सरकार को जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए कपास और तिलहन जैसी फसलों के लिए बेहतर बीज उपलब्ध कराने में मदद करनी चाहिए.
नीति स्थिरता: बार-बार नीतिगत बदलाव से बचें, जो कृषक समुदाय के लिए अनिश्चितता पैदा करते हैं.
अनुसंधान एवं विकास में निवेश में वृद्धि: कृषि अनुसंधान एवं विकास के लिए अधिक धनराशि आवंटित करें, तथा नई प्रौद्योगिकियों में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कर छूट प्रदान करें. विशेष रूप से दालों, गेहूं, तिलहन और कपास के लिए उन्नत बीज विकसित करने के लिए.
उर्वरक सुधार: उर्वरक सब्सिडी में यूरिया की हिस्सेदारी कम करें, जबकि फास्फोरस, पोटेशियम और जैवउर्वरकों पर ध्यान केंद्रित करें.
निर्यात इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करें: कृषि निर्यात को बढ़ावा देने और खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए गुणवत्ता-परीक्षण अवसंरचना में सुधार करें.
जैव ईंधन और इथेनॉल को बढ़ावा दें: इथेनॉल की मांग पैदा करने और किसानों के लिए मूल्य बढ़ाने के लिए जैव ईंधन निवेश के लिए कर प्रोत्साहन प्रदान करें.
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