Budget 2025: क्या कीटनाशकों पर GST घटाएगी सरकार, जानें कृषि सेक्टर के लिए क्या हैं उम्मीदें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद भवन में आम बजट पेश करेंगी. इस बार इस बजट से किसानों को काफी उम्मीदें हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि सरकारों को पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी करनी चाहिए. साथ ही कीटनाशकों पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की डिमांड रखी है.

एग्री बजट 2025 से उम्मीदें. Image Credit: Freepik

Budget 2025: किसान आगामी बजट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. किसानों को इस बजट से काफी उम्मीदे हैं. वहीं, किसान प्रतिनिधि और कृषि से संबंधित कंपनियां भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP), फाइनेंशियल सपोर्ट, सब्सिडी, आसान मार्केट और टारगेट निवेश जैसे मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. किसान प्रतिनिधियों का मानना है कि सरकार को इस बजट में खेती के लिए इनपुट लागत को कम करने के लिए कृषि मशीनरी, उर्वरक, बीज और कीटनाशकों पर जीएसटी छूट देने की जरूरत है. इससे किसानों की इनकम में बढ़ोतरी होगी.

द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, भारतीय किसान संघ (BKU) के अध्यक्ष धर्मेंद्र मलिक ने MSP मैकेनिज्म में बड़े स्तर पर बदलाव की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार को एमएसपी में जमीन किराया, मजदूरी और फसल की प्रोसेसिंग पर होने वाले खर्चे को भी शामिल करना चाहिए, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित रेट मिल सके. मलिक ने मांग की है कि सरकार को MSP का दायरा बढ़ाना चाहिए.

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कीटनाशकों पर जीएसटी घटाने की मांग

आरजी धानुका एग्रीटेक के मानद चेयरमैन अग्रवाल ने कीटनाशकों पर जीएसटी में बड़े बदलाव की मांग की है और इसे 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की डिमांड रखी है. ताकि किसानों के लिए कीटनाशकों को और अधिक किफायती बनाया जा सके. अग्रवाल ने तस्करी और नकली कीटनाशकों की बिक्री से निपटने की जरूरतों पर भी जोर दिया है. उनका कहना है कि मार्केट में नकली कीटनाशकों की भी बिक्री हो रही है. इससे फसल के साथ-साथ किसानों को भी नुकसान हो रहा है.

मिट्टी की सेहत में सुधार करने की जरूरत

इसी तरह, कृषि अर्थशास्त्री और ग्लोबल ग्रेन्स एंड पल्स काउंसिल के संयोजक दीपक पारीक ने रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने की बात कही है. साथ ही उन्होंने मिट्टी के सेहत में सुधार करने और टिकाऊ कृषि का समर्थन करने के लिए जैव उर्वरकों पर अधिक सब्सिडी देने की मांग की है. उनका कहना है कि जैविक उर्वरकों पर आधारित शोध का समर्थन करने और इसे अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन करने को लेकर एक कोष बनाने की जरूरत है.

पीएम किसान की राशि बढ़ाने की जरूरत

दीपक पारीक का कहना है कि सरकार को किसानों के लिए शून्य-प्रीमियम फसल बीमा लागू करना चाहिए. साथ ही पीएम किसान की राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर देनी चाहिए. इसके अलावा केसीसी के लिए ऋण ब्याज दरों को घटाकर 1 फीसदी करना होगा. जबकि सिंचाई और मंडियों तक किसानों की पहुंच आसान बनाने के लिए आवंटन में बढ़ोतरी करने की जरूरत है. इससे किसानों की अपनी इनकम बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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