अब गमले में इस तरह करें हाइब्रिड काजू की खेती, 3 साल में ही शुरू हो जाएगा उत्पादन
चिकित्सकों के अनुसार सर्दी के मौसम में काजू खाना हेल्थ के लिए बहुत ही लाभदायक है. इसमें विटामिन-ई, विटामिन-बी, कॉपर, जिंक, आयरन, मैग्नीशियम , विटामिन-के और मैग्नीशियम सहित कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसका नियमित सेवन करने से दिल का दौरा और दिल से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
सर्दी के मौसम में ड्राई फ्रूट्स की मांग बढ़ जाती है. लेकिन अधिक कीमत होने के चलते सभी लोग ड्राई फ्रूट्स नहीं खरीद पाते हैं. लेकिन अब आम लोग भी सर्दी के दिनों ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें अपने घर पर ही गमले में काजू के पौधों की रोपाई करनी होगी. इसमें बहुत ज्यादा खर्च भी नहीं आता है. ऐसे अभी काजू की रोपाई करने का समय चल रही है. जून से दिसंबर तक का महीना काजू की खेती के लिए सबसे अच्छा माना गया है. इसलिए अभी आप गमले में काजू की खेती कर सकते हैं. बस इसके लिए आपको मार्केट से दो फीट गहराई वाले कुछ गमले खरीदने होंगे.
आम तौर पर काजू की खेती गर्म प्रदेश में की जाती है. तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा, केरल, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल इसके बड़े उत्पादक राज्य हैं. हालांकि, अब झांखड और उत्तर प्रदेश में भी किसान इसकी खेती कर रहे हैं. लेकिन अब मार्केट में काजू की हाइब्रिड किस्में भी आ गई हैं, जिसके चलते गमले में भी इसकी खेती करना आसान हो गया है. क्योंकि हाइब्रिड वैरायटी के काजू के पौधों की लंबाई कम होती है. इसके चलते छत पर लगाने के लिहाज सही है. रोपाई करने के तीन साल बाद से पौधों में काजू के फल आने शुरू हो जाते हैं.
साल में बचेंगे हजारों रुपये
ऐसे 6 से 7 साल के बाद आप एक काजू के पेड़ से 8 किलो तक फल तोड़ सकते हैं. अगर आप गमले में 5 पौधें लगाते हैं, तो साल में 40 किलो तक काजू का उत्पादन कर सकते हैं. ऐसे मार्केट में काजू 1000 से 1200 रुपये किलो है. अगर आप गमले में काजू के पांच पौधे भी लगाते है, तो आपको प्रोसेसिंग के बाद कई किलो काजू मलेंगे. ऐसे में आप काजू की खेती से एक साल में हजारों रुपये बचा सकते हैं. साथ ही शुद्ध काजू खाने को मिलेगा.
काजू में पाए जाते हैं ये पोषक तत्व
चिकित्सकों के अनुसार सर्दी के मौसम में काजू खाना हेल्थ के लिए बहुत ही लाभदायक है. इसमें विटामिन-ई, विटामिन-बी, कॉपर, जिंक, आयरन, मैग्नीशियम , विटामिन-के और मैग्नीशियम सहित कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसका नियमित सेवन करने से दिल का दौरा और दिल से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. हालांकि, ऐसे काजू की खेती किसी भी मौसम में कर सकते हैं, लेकिन जून से दिसंबर का समय बहुत अच्छा माना गया है. साथ ही रेतीली मिट्टी में काजू की अच्छी पैदावार होती है.