किसानों की आय को बूस्टर डोज, नेचुरल फॉर्मिंग मिशन के लिए 2,481 करोड़ देगी सरकार
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को सरकार के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय नेचुरल फॉर्मिंग मिशन के शुभारंभ को मंजूरी मिल गई है. यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र केंद्र प्रायोजित योजना है. इस मिशन को सफल बनाने के लिए 2,481 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नेचुरल फॉर्मिंग मिशन की शुरुआत करने का फैसला किया है. इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी भी मिल गई है. कहा जा रहा है कि सरकार के इस मिशन से देश में नेचुरल फॉर्मिं को बढ़ावा मिलेगा. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और किसानों की कमाई में इजाफा होगा. खास बात यह है कि इस नेचुरल फॉर्मिंग मिशन के ऊपर सरकार सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च करेगी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को सरकार के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय नेचुरल फॉर्मिंग मिशन के शुभारंभ को मंजूरी मिल गई है. यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र केंद्र प्रायोजित योजना है. इस मिशन को सफल बनाने के लिए 2,481 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मिशन का उद्देश्य रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देना है, ताकि मिट्टी की सेहत में सुधार आए और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचे. खसा बात यह है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय नेचुरल फॉर्मिंग मिशन के अलावा इनोवेशन, शिक्षा, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे से जुड़ी कई महत्वपूर्ण पहलों को भी मंजूरी दी.
जैविक खाद की यूनिट पर सब्सिडी
बता दें कि केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारें भी नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है. राजस्थान में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए उसने ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों को जैविक खाद बनाने के लिए यूनिट लगाने पर बंपर सब्सिडी मिलेगी.
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गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना की शुरुआत
राजस्थान सरकार ने ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ की शुरुआत राज्य में जैविक खेती के रकबे को बढ़ावा देने के लिए की है. इस योजना का मुख्य उदेश्य किसानों की निर्भरता को रासायनिक उर्वरकों पर कम करना है. ताकि, किसान जैविक खाद के इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा कर सकें. राज्य सरकार का मानना है कि रासायनिक खादों के लागातर प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो गई है. ऐसे में जमीन की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए जैविक खाद का बढ़ावा देना ही एक मात्र विकल्प बचा है. इसके लिए मार्केट में जैविक खाद की उपलब्धता भी होनी चाहिए. यही वजह है कि राजस्थान सरकार ने ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ की शुरुआत की है.
50 फीसदी मिलेगी सब्सिडी
इस योजना का मकसद जैविक खादों को बढ़ावा देना है. इसके लिए राजस्थान सरकार किसानों को खेत में वर्मी कम्पोस्ट की यूनिट लगाने पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रुपये की सब्सिडी दे रही है. खास बात यह है कि इस योजना के तहत हर ब्लॉक से 50 किसानों को चयन किया जाएगा. इस तरह पूरे प्रदेश में 18 हजार किसान सब्सिडी योजना का लाभ उठा सकते हैं.
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