किसानों के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम लांच, फसल कटाई के बाद खेती के लिए कर्ज मिलना होगा आसान
किसानों के लिए केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपये की क्रेडिट स्कीम को लॉन्च किया है. इस स्कीम की मदद से फसल कटाई के बाद किसानों को कर्ज मिलने में आसानी होगी. लॉन्चिंग के दौरान इस मामले के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ये कदम किसानों की समस्या को दूर करने के लिए लॉन्च किया है.
केंद्र सरकार ने सोमवार, 16 दिसंबर को किसानों के लिए 1000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी स्कीम को लॉन्च किया है. फसल कटाई के बाद किसानों को कर्ज मिलने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत की है. इस स्कीम को लॉन्च करते हुए कंज्यूमर मामले के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने ये कदम किसानों की समस्या दूर करने के लिए लॉन्च किया है.
उन्होंने वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WRDA) को बताया कि वह वेयरहाउस डेवलपर्स को अपने दायरे में शामिल करें और खेती वाली जमीन के नजदीक ही वेयरहाउस बनाने की कोशिश करें. उन्होंने बताया कि किसानों के कर्ज को गारंटी कवर करने की दिशा मे यह कदम उठाया गया है. सरकार की इस स्कीम से बैंकों में भी विश्वास पैदा होगा और e-NWRs के बदले किसानों को कर्ज दे सकेंगे.
वेयरहाउस बढ़ाने का है लक्ष्य
फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन डिपार्टमेंट के सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि वर्तमान में कृषि क्षेत्र में कर्ज का बड़ा हिस्सा फसल उत्पादन के लिए जाता है. वहीं फसल कटाई के बाद के कार्यों के लिए कर्ज महज 40,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा e-NWR के तहत लोन केवल 4000 करोड़ रुपये तक सीमित है. लेकिन अगले 10 साल में इसे 5.5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने इस दिशा में ज्यादा से ज्यादा वेयरहाउस रजिस्टर करने की भी अपील की. चोपड़ा ने कहा कि 1-2 साल में वेयरहाउस रजिस्ट्रेशन बढ़ाकर 4,000 करोड़ करने की जरूरत होगी.
ग्रामीण इकोनॉमी में होगी बेहतरी
कार्यक्रम में खाद्य और उपभोक्ता के राज्यमंत्री बी.एल.वर्मा, निमूबेन जयंतीभाई बांभनिया और डब्ल्यूडीआरए की चेयरपर्सन अनीता प्रवीणा भी मौजूद थीं. इस योजना से किसानों को अपनी फसल को भंडारन में रखने के बाद कर्ज प्राप्त करने में सहूलियत भी मिलेगी. इससे न केवल उनकी वित्तीय स्थिति में बेहतरी होगी बल्कि ग्रामीण इकोनॉमी को भी मजबूती मिलेगी.