कॉकरोच की भी होती है खेती, इन 4 प्रजातियों की सबसे ज्यादा डिमांड, जानें पूरा तरीका

दुनियाभर के कई देशों में बड़े पैमाने पर कॉकरोच की खेती की जा रही है. कॉकरोच में कई औषधीय गुण होते हैं, जिसकी वजह से इसकी डिमांड मेडिकल से लेकर हेल्थ सेक्टर में काफी ज्यादा हो रही है. इनकी मांग चीन, थाईलैंड जैसे दूसरे देशों में तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कॉकरोच फार्मिंग कैसे होती है और इसका पूरा तरीका क्या है. साथ ही भारत में इसकी खेती को लेकर क्या संभावनाएं हैं.

कॉकरोच की फॉर्मिंग कैसे करें Image Credit: FREEPIK

Cockroach Farming : आज के समय में फार्मिंग के कई ऑप्शन मौजूद हैं. इनमें डेयरी फार्मिंग, सब्जियों की खेती, मशरूम उत्पादन और पशुपालन जैसे व्यवसाय तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन इनमें जोखिम और कंपटिशन भी बहुत है. हर कोई इन्हीं पारंपरिक तरीकों को अपना रहा है, जिससे मुनाफा कम होता जा रहा है. लेकिन क्या हो अगर हम आपको एक ऐसे बिजनेस के बारे में बताएं, जिसमें कम निवेश, कम मेहनत और अधिक मुनाफा हो, साथ ही कंपटीशन भी न के बराबर हो? जी हां, आज हम बात कर रहे हैं कॉकरोच फार्मिंग की. भारत में इसकी खेती को लेकर सुनने में तो अजीब लगेगा, लेकिन इसकी खेती विदेशों में बड़े पैमाने पर हो रही है.


जिन कॉकरोच को हम घर से बाहर निकालने के लिए दवा छिड़कते हैं, उन्हीं की खेती चीन और थाईलैंड जैसे देशों में होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या इसकी खेती करना फायदेमंद होता है. दरअसल, कॉकरोच में कई औषधीय गुण होते हैं और इनकी मांग चीन, थाईलैंड और अन्य देशों में तेजी से बढ़ रही है. आइए जानते हैं कि कॉकरोच फार्मिंग कैसे होती है और इसका पूरा तरीका क्या है.

कॉकरोच की फॉर्मिंग

कॉकरोच में कई ऐसे केमिकल्स और कंपाउंड्स होते हैं, जो इंसानों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. कॉकरोच में कई ऐसे तत्व होते हैं, जो बीमारियों से बचाने, घाव जल्दी भरने, बालों की समस्या कम करने और शरीर को अच्छा प्रोटीन देने में मदद करते हैं. चीन और थाईलैंड जैसे देशों में कॉकरोच की बहुत ज्यादा मांग है, क्योंकि इनका इस्तेमाल दवाओं, पशु आहार और कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री में किया जाता है. इस खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है.

कॉकरोच की खेती से कमाई

अगर कमाई की बात करें, तो एक कॉकरोच को पूरी तरह बढ़ने में 4-6 महीने लगते हैं. एक अंडे से करीब 30 से 50 कॉकरोच निकलते हैं. आधा किलो कॉकरोच की कीमत लगभग 20 अमेरिकी डॉलर होती है.

किस प्रजातियो की ज्यादा होती है खेती ?

कॉकरोच की कई प्रजातियां होती हैं, जिनमें से कुछ बहुत ज्यादा काम की होती हैं, इनमें शामिल है,
डुबिया रोच (Blaptica Dubia): यह पशु आहार के लिए सबसे अच्छी प्रजाति मानी जाती है.
अमेरिकन कॉकरोच (Periplaneta Americana): इसका इस्तेमाल दवाओं में किया जाता है.
लोबस्टर रोच (Nauphoeta Cinerea): इसे मछली और पक्षियों के आहार के लिए पाला जाता है.

भारत में कॉकरोच की खेती को लेकर क्या है प्रावधान ?

भारत में कॉकरोच की खेती (Cockroach Farming) को लेकर कोई विशेष कानूनी प्रावधान नहीं है. हांलाकि कुछ कानून बनाए गए हैं, जिसके तहत इस खेती को भारत सरकार फ्यूचर में बढ़ावा दे सकती है. इनमें शामिल है, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 है. साथ ही अगर कॉकरोच का उपयोग खाद्य उद्योग या दवाओं में किया जाता है, तो FSSAI की मंजूरी आवश्यक होगी. इसके अलावा अगर कॉकरोच खेती से पर्यावरण को कोई खतरा होता है, तो इसके लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 तहत रेगुलेट किया जा सकता है.

कॉकरोच फॉर्मिंग के लिए सही वातावरण

कॉकरोच पालने के लिए सही माहौल बहुत जरूरी है. जिस जगह पर इनकी खेती की जा रही हो, वहां का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. अलग-अलग हवादार बॉक्स होने चाहिए, जिनमें कॉकरोच को पाला जाए। नमी का स्तर 60-80% होना चाहिए और उस जगह पर बहुत ज्यादा रोशनी नहीं होनी चाहिए. छोटे कॉकरोच और अंडों के लिए हवादार बॉक्स बनाना जरूरी होता है.

कॉकरोच क्या खाते हैं?

कॉकरोच सर्वाहारी होते हैं यानी वे शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार का खाना खा सकते हैं. इनके आहार में अनाज, फल, सब्जियां, सूखा आहार शामिल किया जा जाता है. इनका खाना बहुत कम लगता है, जिससे इनकी देखभाल करना आसान हो जाता है. एक बार खाना देने के बाद दो दिन तक इन्हें खाना नहीं देना पड़ता, जिससे इसे संभालना आसान हो जाता है.

कॉकरोच बन रहें हैं कचरा निपटाने का बेहतर तरीका

आज के समय में कचरा निपटाने की समस्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में कॉकरोच की खेती इस समस्या को हल करने में मदद कर सकती है. ये कॉकरोच जैविक कचरे को तेजी से खत्म कर सकते हैं, जिससे पर्यावरण की सफाई में भी मदद मिलती है.

कॉकरोच फार्मिंग में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

आजकल कॉकरोच फार्मिंग को और बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. AI से यह पता लगाया जाता है कि कॉकरोच के सही तरीके से बढ़ने के लिए किन चीजों की जरूरत है.

क्या इस खेती में कोई खतरा है?

हालांकि यह बिजनेस फायदेमंद है, लेकिन अगर किसी कॉकरोच फार्म के पास भूकंप जैसी कोई नेचुरल डिजास्टर आती है, तो करोड़ों की संख्या में कॉकरोच शहर में फैल सकते हैं, जिससे नुकसान हो सकता है. इस समस्या से बचने के लिए ज्यादातर फार्मों के चारों ओर गहरे पानी की व्यवस्था की जाती है, ताकि कॉकरोच फार्म से बाहर न निकल सकें.